रतन टाटा के ही भाई हैं नोएल, मगर दोनों की मां अलग, कैसा है इनके काम करने का अंदाज?

नई दिल्‍ली. रतन टाटा के जाने के बाद टाटा समूह की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए उनके भाई नोएल टाटा को ट्रस्‍ट का चेयरमैन चुन लिया गया है. कहने को तो दोनों भाई हैं, लेकिन इनके कामकाज और व्‍यवहार में काफी अंतर है. नोएल टाटा और रतन टाटा दोनों ही एक ही पिता की संतान हैं, जबकि दोनों की माताएं अलग-अलग हैं. इसका मतलब हुआ कि नोएल टाटा और रतन टाटा आपस में सौतेले भाई हैं. ऐसा नहीं है कि नोएल टाटा बिजनेस की फील्‍ड में नए हैं. अभी उनके कंधों पर टाटा समूह की 5 कंपनियों की जिम्‍मेदारी है.

दरअसल, टाटा ट्रस्‍ट ने शुक्रवार को ही सर्वसम्‍मति से नोएल टाटा को अपना चेयरमैन चुन लिया है. नोएल टाटा के पिता का नाम नवल एच टाटा और माता का नाम सिमोन एन टाटा है. आपका बता दें कि रतन टाटा की माता का नाम सूनी टाटा था, जबकि उनके पिता नवल एच टाटा ही थे. रतन टाटा के सगे भाई का नाम है जिम्‍मी टाटा और बड़ी बात ये है कि उन्‍होंने भी अपने बड़े भाई की तरह ही शादी नहीं की.

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क्‍या करते हैं नोएल टाटा
ऐसा नहीं है कि नोएल टाटा इस समूह से बाहर काम कर रहे थे. पिछले 40 साल से नोएल टाटा भी टाटा समूह के साथ जुडे़ हुए हैं. टाटा ट्रस्‍ट का चेयरमैन बनाए जाने से पहले उनके कंधों पर टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड, वोल्‍टास और टाटा इनवेस्‍टमेंट कॉरपोरेशन की कमान है. नोएल इन तीनों ही कंपनियों के चेयरमैन हैं. इसके अलावा वे टाटा स्‍टील और टाइटन कंपनी लिमिटेड के वाइस चेयरमैन भी हैं.

पर्दे के पीछे से निभाते हैं भूमिका
दिवंगत रतन टाटा और नोएल टाटा में भले ही एक ही पिता का खून है, लेकिन दोनों के काम करने का स्‍टाइल एकदम अलग है. रतन टाटा जहां फ्रंट पर आकर कंपनी की कमान संभालते थे और हर फैसले में उनकी सक्रिय भूमिका रहती थी, वहीं नोएल टाटा चुपचाप पर्दे के पीछे से काम करते हैं. उनकी पब्लिक में उपस्थिति भी कम ही रहती है. साल 1998 में जब उन्‍हें ट्रेंट का एमडी बनाया गया तो इसका सिर्फ एक ही स्‍टोर भारत में था और आज देशभर में इसके 700 स्‍टोर खुल चुके हैं.

दुनिया में फैलाया टाटा ग्रुप का नाम
नोएल टाटा को इस बात के लिए जाना जाता है कि उन्‍होंने टाटा समूह का नाम दुनिया में फैलाने का काम किया है. उनके नेतृत्‍व में टाटा समूह के रिटेल‍ बिजनेस की ग्‍लोबल पहुंच काफी बेहतर हुई. ट्रेंट के एमडी बनाए जाने के बाद नोएल ने इस कंपनीको 2.8 लाख करोड़ रुपये का ब्रांड बना दिया. इतना ही नहीं टाटा इंटरनेशनल को भी उन्‍होंने 4 हजार करोड़ रुपये से उठाकर 24 हजार करोड़ रुपये की कंपनी बना दिया.

ऐसे ही नहीं बनाए गए ट्रस्‍ट के चेयरमैन
ऐसा नहीं है कि नोएल टाटा को ट्रस्‍ट का चेयरमैन बनाने का फैसला आंख बंद करके या किसी मजबूरी में लिया गया है. इसकी तैयारी साल 2019 से ही शुरू हो गई थी, जब उन्‍हें सर रतन टाटा ट्रस्‍ट में बतौर ट्रस्‍टी ज्‍वाइन करा लिया गया था. इतना ही नहीं नोएल को सर दोराबजी टाटा ट्रस्‍ट के बोड्र में भी साल 2022 में शामिल कर लिया गया था. यहीं से उनके भविष्‍य में ट्रस्‍ट में लीडरशिप पोजिशन में आने का रास्‍ता भी खुल गया था.

एक नजर में जानें पूरी वंशावली
टाटा फैमिली की विरासत करीब 200 साल पुरानी है. जाहिर है कि इतने लंबे वक्‍त में कई पीढि़यां गुजर चुकी होंगी और आपके मन में टाटा फैमिली की वंशावली को लेकर तमाम तरह के सवाल भी होंगे. हम आपको एक नजर में पूरी टाटा फैमिली की ट्री बनाकर दिखा रहे हैं कि कैसे जमजेश जी टाटा से लेकर नोएल टाटा तक यह विरासत आगे बढ़ी है.

  • टाटा फैमिली के पहले व्‍यक्ति नसरवानजी टाटा को माना जाता है. वे एक पारसी पुजारी थे और पहली बार बिजनेस उन्‍होंने ही शुरू किया था.
  • जमशेदजी टाटा को टाटा समूह का संस्‍थापक माना जाता है, जिसकी शुरुआत 1868 में की.
  • जमशेदजी टाटा के बड़े बेटे दोराबजी टाटा ने उनके बाद कमान संभाली.
  • उनके छोटे बेटे का नाम है रतनजी टाटा, जिन्‍होंने टेक्‍सटाइल इंडस्‍ट्री को आगे बढ़ाया.
  • रतनजी टाटा की एक संतान थी जेआरडी टाटा, उन्‍होंने भी कई साल समूह की कमान संभाली.
  • रतनजी टाटा एक बच्‍चे को गोद भी लिया था जिसका नाम नवल टाटा था.
  • नवल टाटा की पहली पत्‍नी सूनी से 2 बच्‍चे पैदा हुए रतन टाटा और जिमी टाटा.
  • उनकी दूसरी पत्‍नी सिमोन की संतान हैं नोएल टाटा, जो अभी ट्रस्‍ट के चेयरमैन बनाए गए.
  • नोएल टाटा ने आलू मिस्‍त्री से शादी की है और उनकी तीन संतान नेवाइल, लियाह और माया टाटा हैं, जो अभी टाटा समूह की अलग-अलग कंपनियों में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं.

Tags: Business news, Ratan tata, Tata steel

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