फ्लिपकार्ट और अमेजन कैसे देते हैं तगड़ा डिस्काउंट, जानिए ऑफर का खेल

हाइलाइट्स

कैट और एआईएमआरए ने ई-कॉमर्स कंपनियों ने गंभीर आरोप लगाए हैं. फ्लिपकार्ट-अमेजन गलत तरीकों से प्रोडक्ट्स पर डिस्काउंट देती हैं.ये कंपनियां प्रोडक्ट्स पर डिस्काउंट देने के लिए नकदी खर्च कर रही हैं.

Flipkart-Amazon Offer & Sale: फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर मोबाइल, फ्रीज, एसी, कूलर समेत कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और अन्य प्रोडक्ट्स पर तगड़ा डिस्काउंट मिलता है, साथ में उन पर बैंक क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर अतिरिक्त छूट भी मिलती है. ऐसे में अक्सर लोगों के मन में सवाल उठता है कि आखिर ये ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म इतना सस्ता सामान कैसे बेचते हैं. क्योंकि, जो मोबाइल बाजार में 11000 का मिल रहा है वह ऑनलाइन 9000 का मिल जाता है.

ई-कॉमर्स साइट पर मिलने वाले तगड़े डिस्काउंट के कारण ज्यादातर लोग मार्केट के बजाय ऑनलाइन सामान खरीदना पसंद कर रहे हैं. इस वजह से खुदरा कारोबारियों को काफी नुकसान हो रहा है. व्यापारियों के संगठन ‘कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स’ (CAIT) और खुदरा मोबाइल विक्रेताओं के संगठन ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से फ्लिपकार्ट और अमेजन के ऑपरेशन तुरंत निलंबित करने की मांग की है. इन व्यापरी संगठनों ने फ्लिपकार्ट और अमेजन पर गंभीर आरोप लगाए, साथ ही यह बताया कि आखिर कैसे ये ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म प्रोडक्ट्स पर इतना तगड़ा डिस्काउंट देते हैं.

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व्यापारी संगठनों ने बताया सच!

फ्लिपकार्ट और अमेजन पर इतने सस्ते सामान क्यों मिलते हैं, इसे लेकर लोगों के बीच अलग-अलग कई थ्योरी हैं. कुछ लोगों के बीच धारणा है कि ये प्लेटफॉर्म सीधे कंपनी से माल उठाते हैं और बेच देते हैं. ऐसे में सामान सस्ता पड़ता है. लेकिन, व्यापारी संगठनों ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियां अवास्तविक मूल्य निर्धारण में शामिल हैं और प्रोडक्ट्स पर भारी डिस्काउंट देने के लिए नकदी खर्च कर रही हैं. कैट और एआईएमआरए ने कहा कि इस अनफेयर प्रैक्टिस के कारण मोबाइल फोन का एक अनधिकृत बाजार या ग्रे मार्केट बन रहा है. इस तरह के बाजार में कारोबारी टैक्स की चोरी करते हैं, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा है.

नकदी लुटा रही ये कंपनियां

व्यापारी संगठनों का आरोप है कि फ्लिपकार्ट और अमेजन ने फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) पॉलिसी और अन्य एक्सचेंज फ्रेमवर्क का उल्लंघन कर रहे हैं. दिल्ली से बीजेपी सांसद और कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, ‘‘फ्लिपकार्ट और अमेजन, अवास्तविक मूल्य निर्धारण, बंपर डिस्काउंट दे रहे हैं और इससे होने वाले घाटे को लेकर उन्हें वित्तीय मदद मिल रही है, वे जो भी निवेश ला रहे हैं, उसका इस्तेमाल नकदी खर्च करने और भारत में अपने ऑपरेशन के दौरान होने वाले घाटे को पूरा करने के लिए किया जा रहा है.”

एआईएमआरए के संस्थापक और चेयरमैन कैलाश लख्यानी ने आरोप लगाया कि कुछ ब्रांड और बैंक भारी छूट के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ सांठगाठ कर रहे हैं. एआईएमआरए ने ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ कथित तौर पर मिलीभगत करने के लिए चीनी मोबाइल फोन विनिर्माताओं वनप्लस, आईक्यूओओ और पोको के ऑपरेशन को निलंबित करने की मांग की है.

Tags: Amazon pay, Business news, Cashback Offers, Flipkart deal

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