नई दिल्ली. X.com (पहले ट्विटर) को अपने एक कर्मचारी को €5,50,000 (50 करोड़ रुपये से अधिक) देने होंगे. यह फैसला आयरलैंड की एक कोर्ट ने सुनाया है. ट्विटर के डबलिन ऑफिस में रूनी नामक एक व्यक्ति को अनुचित तरीके से बर्खास्त किया गया था. इसके बाद वह शख्स कोर्ट चला गया और अब कोर्ट ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया है. दरअसल, मस्क ने ट्विटर का अधिग्रहण तो कंपनी की ओर से सभी कर्मचारियों को एक ईमेल भेजा गया. इस ईमेल में लिखा था कि बेहद कठोर परिस्थितियों में काम करने के लिए तैयार रहे हैं या फिर इस्तीफा दे दें. इस पर 24 घंटे के अंदर हां जवाब देना था.
हालांकि, रूनी ने इस ईमेल पर 24 घंटे में कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद उन्हें कंपनी से 3 महीने के वेतन के साथ बाहर कर दिया गया. बता दें कि मस्क ने 2022 में 44 अरब डॉलर खर्च कर ट्विटर का अधिग्रहण किया था. तब ट्विटर ने कुछ इस तरह का ईमेल अपने कर्मचारियों को भेजा था, “आगे बढ़ते हुए अगर में एक शानदार ट्विटर 2.0 बनाना और लगातार प्रतिस्पर्धा कर रही दुनिया में सफल होना है तो हमें बेहद कठोर परिस्थितियों में काम करना होगा. इसका मतलब है कि उच्च दबाव वाले माहौल में घंटों का काम. केवल सबसे बेहतर काम करने वाले ही इसमें आगे बढ़ पाएंगे. अगर आप नए ट्विटर का हिस्सा बनना चाहते हैं तो yes पर क्लिक करें.”
रूनी ने नहीं भरी हामी
यह मामला आयरलैंड की इम्पलॉयमेंट ट्रिब्यूनल के पास पहुंचा. वहां रूनी ने बताया कि उन्होंने yes पर नहीं क्लिक किया था. इसके 3 दिन बाद उन्हें एक और ईमेल आया जिसमें लिखा था कि आप स्वेच्छा से इस्तीफे और उसके बदले मिलने वाले मुआवजे को स्वीकार करते हैं. रूनी को बताया गया कि उन्होंने 18 नवंबर 2022 को इस्तीफा दे दिया और उनके सारे एक्सेस डिएक्टिवेट कर दिए गए हैं. रूनी ने इसका जवाब देते हुए कंपनी को ईमेल किया कि उन्होंने कभी इस्तीफे की पेशकश नहीं की है और ना ही मुआवजा पैकेज को लेकर सहमति जताई है.
क्या आया फैसला
कोर्ट की ओर से 72 पेज का फैसला दिया गया. इसमें कहा गया कि नौकरी का भविष्य तय करने के लिए 24 घंटे का समय पर्याप्त नहीं है. कोर्ट ने €550,131 का मुआवजा रूनी को देने का आदेश ट्विटर को दिया. इसमें €350,131 जनवरी 2023 से मई 2024 तक का वेतन और €200,000 भविष्य में जो उन्होंने गंवाया उसके लिए भरपाई है.
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FIRST PUBLISHED : August 15, 2024, 19:41 IST