कहीं मौत की वजह ना बन जाए आपकी ही आवाज! खतरे में डाल सकता है ये AI Model

Microsoft AI VALL-E 2: इंसानों के बीच बड़ी तेजी से एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है. कई सारे एक्सपर्ट्स इस बात का दावा कर चुके हैं कि आने वाले समय में एआई इंसानो की जगह ले लेगा. देश-दुनिया के बड़े टेक जाइंट्स ने अपना फोकस एआई की तरफ कर लिया है और लगातार उसपर काम कर रहे हैं. इसी कड़ी में माइक्रोसॉफ्ट ने एक नया एआई स्पीच जनरेटर बनाया है, जोकि किसी भी इंसान की आवाज सुनकर कुछ ही सेकेंड में उसकी आवाज में बात करने लगता है.  

कंपनी का ये एआई स्पीच जनरेटर VALL-E 2 टेक्स्ट-टू-स्पीच (TTS) जनरेटर है. VALL-E 2 इंसान की आवाज सुनकर कुछ सेकेंड में बिलकुल उसकी तरह ही आवाज निकाल सकता है. ये एआई स्पीच जनरेटर इतना ज्यादा रिलायबल है कि शोधकर्ताओं ने इसे फिलहाल के लिए इंसानों के बीच में नहीं उतारने की सलाह दी है.

शोधकर्ताओं के मुताबिक , VALL-E 2 इंसानों की एक्यूरेट और नेचुरल आवाज निकाल सकता है. आसान भाषा में कहें तो सिर्फ सुनकर इस बात का फैसला करना मुश्किल है कि आप मशीन से बात कर रहे या फिर किसी इंसान से. शोधकर्ताओं ने आगे बताया कि VALL-E 2 हाई क्वालिटी वाली स्पीच को आराम से बोल लेता है. इतना ही नही ये उन सेंटेंस को भी बोल सकता है जो पारंपरिक रूप से जटिल और चुनौतीपूर्ण होती हैं. 

गलत कामों में हो सकता है यूज

जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा है, कि VALL-E 2 एक इंसान की तरह हूबहू आवाज निकाल सकता है. लेकिन इसकी इसी खासियत का यूज गलत कामों में किया जा सकता है. शोधकर्ताओं के मुताबिक VALL-E 2 एक रिसर्च प्रोडेक्ट है और अभी इसको इंसानों के बीच में उतारने का कोई प्लान नहीं है. इसके पीछे की वजह इसका गलत यूज करने से रोकना है. कोई भी इसका यूज करके किसी की आवाज निकालकर धोखाधड़ी कर सकता है. इसके अलावा वॉयस क्लोनिंग और डीपफेक के बढ़ते मामलों के चलते भी ये फैसला लिया गया है.

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