नई दिल्ली: नेटफ्लिक्स सीरीज ‘IC814’ पर विवाद बढ़ता जा रहा है. बढ़ते विवाद के बीच नेटफ्लिक्स कंटेंट हेड को तलब किया गया था. प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार ने कहा कि किसी को भी इस देश के लोगों की भावनाओं के साथ खेलने का अधिकार नहीं है. भारत की संस्कृति और सभ्यता का हमेशा सम्मान किया जाना चाहिए. किसी भी चीज को गलत तरीके से पेश करने से पहले आपको सोचना चाहिए. सरकार इसे बहुत गंभीरता से ले रही है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार सूचना प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और नेटफ्लिक्स कंटेंट हेड के बीच चल रही बैठक खत्म हो गई. सूत्रों के मुताबिक नेटफ्लिक्स की ओर से सरकार को यह आश्वासन दिया गया कि भारत के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखकर ही प्लेटफॉर्म पर कंटेट अपलोड किए जाएंगे. इस मामले में विस्तृत तरीके से नेटफ्लिक्स टीम कंटेंट का आंकलन कर रही है जो IC 814 वेब सिरीज में इस्तेमाल किया गया.
बता दें कि हाल ही में रिलीज क्राइम थ्रिलर ड्रामा टेलीविजन मिनी सीरीज ‘आईसी 814: द कंधार हाईजैक’ की कहानी और तथ्यों को छिपाने के आरोपों के कारण इंटरनेट आलोचनाओं और प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स इंडिया के कंटेंट प्रमुख को मंगलवार को बुलाया गया था और वेबसीरीज के कथित विवादास्पद पहलुओं पर स्पष्टीकरण देने को कहा गया था.
क्यों बढ़ा विवाद?
काठमांडू से दिल्ली की उड़ान भरने वाले इंडियन एयरलाइन्स के विमान के अपहर्ताओं के चित्रण से विवाद खड़ा हो गया है और कई दर्शकों ने इस पर आपत्ति जताई है. भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि आईसी-814 के अपहर्ता खूंखार आतंकवादी थे जिन्होंने अपनी मुस्लिम पहचान बदलने के लिए दूसरे नाम रख रखे थे.
मालवीय ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘फिल्मकार अनुभव सिन्हा ने उनके गैर-मुस्लिम नामों को तवज्जो देकर अपनी आपराधिक मंशा को वैधता प्रदान की है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कुछ दशक बाद लोग सोचेंगे कि हिंदुओं ने आईसी-814 का अपहरण किया था.’’ मालवीय ने कहा, ‘‘पाकिस्तानी आतंकवादियों, जो सभी मुसलमान थे, के अपराधों को छिपाने के वामपंथी एजेंडे ने काम किया. यह सिनेमा की ताकत है, जिसका कम्युनिस्ट 70 के दशक से ही, शायद इससे पहले से ही आक्रामक तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे न केवल दीर्घावधि में भारत की सुरक्षा व्यवस्था कमजोर होगी/सवाल में आएगी, बल्कि उन धार्मिक समूहों का दोष हट जाएगा, जो रक्तपात के लिए जिम्मेदार रहे हैं.’’ जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह देखना वाकई मजेदार है कि जो लोग ‘कश्मीर फाइल्स’ जैसी फिल्मों को सच मान लेते हैं, वे नेटफ्लिक्स के शो में आईसी814 की घटनाओं को दिखाए जाने से हताश हो जाते हैं. उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘अब अचानक से वे चाहते हैं कि पटकथा में बारीकी और वास्तविकता हो.’’ (भाषा इनपुट के साथ)
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FIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 12:01 IST