निर्मला सीतारमण ने फिर संभाला वित्तमंत्री का कार्यभार, पहली चुनौती पूर्ण बजट


नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट में मंत्रालयों का बंटवारा हो चुका है, और निर्मला सीतारमण को एक बार फिर वित्त मंत्रालय दिया गया है. बुधवार को दिल्ली के साउथ ब्लॉक में केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की कैबिनेट मंत्री के रूप में उन्होंने कार्यभार संभाल लिया है, और उसके बाद कुछ फ़ाइलों पर दस्तख़त भी किए. निर्मला सीतारमण के साथ पंकज चौधरी भी मौजूद थे, जिन्होंने मंत्रालय में राज्यमंत्री (MoS) के रूप में कार्यभार संभाला है.

श्रीमती निर्मला सीतारमण वर्ष 2014 और 2019 के नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में भी केंद्रीय मंत्री रही हैं. भूतपूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली के निधन के बाद PM मोदी ने निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रालय का ज़िम्मा सौंपा था. उससे पहले उनके पास रक्षा मंत्रालय की ज़िम्मेदारी थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्मला सीतारमण को एक बार फिर वित्त मंत्रालय देकर सरकार की आर्थिक नीति में निरंतरता का स्पष्ट संदेश दिया है. निर्मला सीतारमण की वापसी सफल ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर हुई है, जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की मज़बूत वृद्धि दर्ज की. यह दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ है और मुद्रास्फीति 5 प्रतिशत से नीचे आ गई है.

केंद्रीय वित्तमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान राजकोषीय घाटा भी 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद के 9 प्रतिशत से कम होकर 2024-25 के लिए 5.1 प्रतिशत के लक्षित स्तर पर आ गया है.

निर्मला सीतारमण के सामने अब चुनौती पूर्ण आम बजट पेश करने की है. लोकसभा चुनाव के चलते इस साल फरवरी में अंतरिम बजट पेश हुआ था, और अब जुलाई में पूर्ण बजट आने वाला है, जो सुनिश्चित करेगा कि अर्थव्यवस्था उच्च विकास पथ पर बनी रहे और अधिक रोज़गार सृजित हों. उद्योग जगत समेत हर किसी को बजट से काफी उम्मीदें हैं.

वर्ष 2014 में निर्मला सीतारमण ने वित्त और कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री और बाद में स्वतंत्र प्रभार के साथ वाणिज्य और उद्योग मंत्री के रूप में काम किया था. वह 2017 में रक्षामंत्री बनी थीं. 2019 में निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों के कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला.


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