नई दिल्ली. पिछले 1-2 साल से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल्स के आने से एक बात पर जमकर बहस हो रही है कि ये एआई टूल्स कई नौकरियों को खा जाएंगे. खासकर, टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बहुत नौकरियां प्रभावित होंगी. लेकिन, देश और दुनिया के दिग्गज उद्योगपति इससे इनकार करते आए हैं. इस बीच एआई टूल ChatGPT बनाने वाली कंपनी ओपन एआई ने एक ऐसा टूल लॉन्च किया है जो कोडिंग से जुड़ी गलतियों को पकड़ लेगा. आईटी इंडस्ट्री में कोडिंग एक अहम काम है. इसके लिए कंपनियां कोडर, डेवलपर और सॉफ्टवेयर इंजीनियर को बेहद मोटे पैकेज पर हायर करती हैं. ऐसे में अगर ओपन एआई का यह टूल कोडिंग से जुड़ी गलतियों को चुटकियों में पकड़ लेगा तो इन ह्यूमन वर्कफोर्स की निर्भरता कम होगी. यह एक चिंताजनक बात हो सकती है.
हालांकि, भारत के मशहूर बिजनेस टायकून आनंद महिंद्रा का मानना है कि एआई टूल्स के आने से आईटी सेक्टर्स में नौकरियां प्रभावित नहीं होंगी, बल्कि इसकी मदद से लोगों के काम में और बेहतरी आएगी. आनंद महिंद्रा ने कहा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से आईटी सर्विसेज में टूल्स से और सुविधाएं मिलेंगी.
क्या है क्रिटिक GPT
ओपन एआई ने CriticGPT नाम का एक टूल डेवलप किया है. कंपनी का दावा है कि यह टूल, कोड रिव्यू को 60 फीसदी तक बेहतर कर सकता है. कंपनी ने कहा कि वह इस टूल को जल्द ही इंटग्रेट करेगी.
भारत में कोडर, डेवेलपर और सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी 13 लाख रुपये या उससे ज्यादा होती है. इनकी औसत वेतन ही 4 लाख से अधिक होता है. कोडर को मिलने वाली सैलरी उसके अनुभव पर निर्भर करती है. कई बड़ी कंपनियां अच्छे कोडर, डेवलपर और सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स को लाखों रुपये का पैकेज भी ऑफर करती है.
आनंद महिंद्रा को AI से डर नहीं लगता
आईटी सेक्टर में एआई टूल्स को लेकर लगातार हो रहे डेवलपमेंट के चलते इस बात की आशंका गहराई है कि नौकरियों पर खतरा बढ़ने लगा है. लेकिन, भारत की दिग्गज आईटी कंपनी टेक महिंद्रा के मालिक आनंद महिंद्रा ने कहा कि आईटी सर्विस में एआई टूल्स के आने से नौकरियों पर खतरा बढ़ जाएगा. यह मानना बिल्कुल गलत होगा. मनीकंट्रोल के अनुसार, आनंद महिंद्रा ने वित्त वर्ष 2024 के लिए कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में शेयरधारकों को लिखे अपने लेटर में में यह बात कही.
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FIRST PUBLISHED : June 28, 2024, 18:25 IST