केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स (एआर) में 1 लाख से ज्यादा पद खाली हैं. ये आंकड़ा 30 अक्टूबर तक का है और इसके बाद अब तक स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में इस मामले पर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 30 सितंबर तक सीएपीएफ और एआर की कुल तैनात संख्या 9,48,204 थी, जबकि रिक्त पदों की संख्या 1 लाख से अधिक है.
नित्यानंद राय ने बताया कि पिछले 5 सालों में सीएपीएफ और एआर में 71,231 नए पद बनाए गए हैं, लेकिन इन बलों के जवानों का मानसिक और शारीरिक दबाव भी बढ़ता जा रहा है. इन पांच वर्षों में सीएपीएफ, एनएसजी और एआर में 730 जवानों ने आत्महत्या की है, जो चिंता का विषय है. इसके 47,891 कर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है और 7,664 ने इस्तीफा दिया है. ये आंकड़े इस बात का संकेत हैं कि जवानों के मानसिक स्वास्थ्य और कार्य परिस्थितियों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है.
नित्यानंद राय ने यह भी कहा कि रिक्त पदों को तेजी से भरने के लिए सरकार कदम उठा रही है. सेवानिवृत्ति, इस्तीफे, पदोन्नति और मृत्यु की वजह से ये रिक्तियां उत्पन्न हो रही हैं. सरकार की तरफ से इन पदों को भरने के लिए विभिन्न भर्ती प्रक्रिया में सुधार और तेजी लाने की योजना बनाई गई है.
सीएपीएफ और एआर में रिक्त पदों का विवरण
सीआरपीएफ में 33,730, सीआईएसएफ में 31,782, बीएसएफ में 12,808, आईटीबीपी में 9,861, एसएसबी में 8,646 और असम राइफल्स में 3,377 पद रिक्त हैं. इन पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जा रही है.
आत्महत्याओं की संख्या
हालांकि, सुरक्षा बलों के जवानों की मानसिक स्थिति भी सवालों के घेरे में है. 2020 में 144 जवानों ने आत्महत्या की 2021 में 157, 2022 में 138 और 2023 में भी 157 आत्महत्याएं हुईं. 2024 में अब तक 134 जवानों ने आत्महत्या की है. यह आंकड़े बताते हैं कि जवानों के मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है.
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