बेंगलुरु. यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने भारत में डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला दिया है. इसके जरिए पैसा भेजना बहुत आसान हो गया है. अब आरबीआई (RBI) डिजिटल क्रेडिट के जरिए बड़े बदलाव लाने की तैयारी में है. यूपीआई के बाद आरबीआई अब यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) लॉन्च करेगा. इससे लोन लेना बहुत आसान हो जाएगा.
केंद्रीय बैंक फाइनेंशियल सर्विसेज के डिजिटलीकरण की सफलता से उत्साहित होकर विशेष रूप से छोटे और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए लोन के लिए यूएलआई लाने जा रहा है. पिछले साल, रिजर्व बैंक ने 2 राज्यों में फ्रिक्शनलेस क्रेडिट को सक्षम बनाने वाले टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म की पायलट प्रोजेक्ट शुरू की थी.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने सोमवार को बेंगलुरु में कहा, ‘‘अब से हम इस प्लेटफॉर्म को यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस का नाम देने का प्रस्ताव रखते हैं. यह प्लेटफॉर्म कई डेटा सर्विस प्रोवाइडर्स से लेंडर्स तक विभिन्न राज्यों के लैंड रिकॉर्ड सहित डिजिटल जानकारी के निर्बाध और कंसेंट-बेस्ड फ्लो की सुविधा प्रदान करता है.’’
JAM-UPI-ULI की त्रिमूर्ति से आएगी क्रांति
आरबीआई गवर्नर ने इस बात पर जोर दिया कि जनधन-आधार, यूपीआई और यूएलआई की ‘नई त्रिमूर्ति’ भारत की डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर जर्नी में एक क्रांतिकारी कदम होगी.
दुनिया ने माना यूपीआई का लोहा
दास ने कहा कि अप्रैल, 2016 में एनपीसीआई द्वारा पेश की गई यूपीआई ने भारत में रिटेल डिजिटल पेमेंट के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. दास ने कहा कि यूपीआई एक मजबूत, लागत प्रभावी और पोर्टेबल रिटेल पेमेंट सिस्टम के रूप में उभरा है और दुनियाभर में खासी दिलचस्पी पैदा कर रहा है.
कर्ज लेने वालों को बहुत ज्यादा दस्तावेज देने की जरूरत नहीं
उन्होंने कहा कि यूएलआई क्रेडिट का मूल्यांकन के लिए लगने वाले समय को कम करेगा, खासकर छोटे और ग्रामीण बॉरोअर्स के लिए. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि यूएलआई आर्किटेक्चर अलग-अलग सोर्स से जानकारी तक डिजिटल एक्सेस सुनिश्चित करने के लिए ‘प्लग एंड प्ले’ नजरिए के हिसाब से बनाया गया है. इससे कई टेक्निकल इंटीग्रेशन की जटिलता कम हो जाती है और कर्ज लेने वालों को बहुत ज्यादा दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होती और उन्हें आसानी से कर्ज मिल सकेगा.
Tags: RBI Governor, Reserve bank of india, UPI Payment
FIRST PUBLISHED : August 26, 2024, 19:40 IST