नई दिल्ली. सेवानिवृत्ति के बाद की आर्थिक सुरक्षा के लिए सही योजना का चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है. इस दिशा में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई अटल पेंशन योजना (APY) एक प्रभावी योजना है जो आपको सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है. योजना का मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के लोगों को सेवानिवृत्ति के लिए बचत करने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिससे वे बुढ़ापे में भी आर्थिक रूप से स्वतंत्र रह सकें.
इस योजना के तहत, 18 से 40 वर्ष की आयु के बीच का कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है. निवेशक 60 वर्ष की आयु के बाद हर महीने 1,000 से 5,000 रुपये तक की पेंशन प्राप्त कर सकता है.
ये भी पढे़ं- ईरान-इजरायल संघर्ष से तेल की कीमत छुएगी आसमान? केंद्रीय मंत्री पुरी ने दिया बड़ा बयान
कम योगदान, ज्यादा फायदा
अगर आप 18 साल की उम्र में निवेश शुरू करते हैं, तो सिर्फ 210 रुपये प्रति माह के योगदान से आप 60 साल की उम्र के बाद 5,000 रुपये की मासिक पेंशन प्राप्त कर सकते हैं.
सरकारी गारंटी
इस योजना में मिलने वाली पेंशन की न्यूनतम राशि की गारंटी केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है, जिससे आपकी पेंशन सुरक्षित रहती है.
सरकार का योगदान
केंद्र सरकार भी आपकी योगदान राशि का 50% या अधिकतम 1,000 रुपये प्रति वर्ष का योगदान देती है, बशर्ते आप किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत कवर न हों और आयकरदाता न हों.
विभिन्न विकल्प
अगर आप 40 साल की उम्र में निवेश शुरू करना चाहते हैं, तो आपको 1,454 रुपये प्रति माह का योगदान करना होगा ताकि 60 साल की उम्र के बाद 5,000 रुपये की पेंशन मिल सके. यदि आप 32 साल की उम्र में योजना से जुड़ते हैं, तो आपको 689 रुपये प्रति माह का योगदान करना होगा.
लचीलापन और सुरक्षा
योजना में विभिन्न पेंशन विकल्प दिए गए हैं, जिससे आप अपनी आवश्यकताओं और आर्थिक स्थिति के अनुसार योजना का चुनाव कर सकते हैं.
अटल पेंशन योजना में निवेश के फायदे
नियमित मासिक पेंशन से बुढ़ापे में आर्थिक निर्भरता से बचाव.
असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए खासतौर पर फायदेमंद.
शुरुआती उम्र में निवेश करने से कम योगदान में ज्यादा फायदा.
Tags: Atal pension, Business news
FIRST PUBLISHED : October 13, 2024, 11:38 IST