पछताएंगे नहीं! इस दिवाली सोना-चांदी खरीदते समय इन 4 बातों का रखें ध्यान, वरना निकल जाएगा दिवाला

जयपुर: दीपावली के अवसर पर सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन और मूर्तियों की खरीदारी में धूम रहती है. लेकिन इनकी खरीदारी से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. अगर आप भी सोने-चांदी के आभूषण खरीदने जा रहे हैं, तो आपको कई सवालों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे—क्या आभूषण असली है, क्या कीमत उचित है, मेकिंग चार्ज कितना होना चाहिए और क्या डिजाइन पुरानी तो नहीं है. इन सब बातों पर ध्यान देकर ही खरीदारी करनी चाहिए.

एक्सपर्ट के अनुसार, सोने-चांदी के आभूषण खरीदते समय चार महत्वपूर्ण बातें हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए: हॉलमार्क, यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (एचयूआईडी), मेकिंग चार्ज और आभूषण का वजन. जयपुर में वर्षों से सोने-चांदी का व्यापार कर रहे विशेषज्ञों का कहना है कि आभूषण की पहचान के लिए हॉलमार्क में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का लोगो और छह अंकों का एचयूआईडी नंबर होना चाहिए. आभूषण की खरीद के समय बिल में सोने का वजन और रत्नों की कीमत अलग-अलग होनी चाहिए. इसके लिए आप BIS के आधिकारिक ऐप पर एचयूआईडी नंबर डालकर ज्वेलरी की शुद्धता और डिजाइन के बारे में जान सकते हैं.

मेकिंग चार्ज पर ध्यान दें
एक्सपर्ट बताते हैं कि मेकिंग चार्ज आभूषण की डिजाइन पर निर्भर होते हैं. साधारण डिजाइन वाली ज्वैलरी का मेकिंग चार्ज 150 रुपये प्रति ग्राम और जटिल डिजाइन की ज्वैलरी का चार्ज 2000-2500 रुपये प्रति ग्राम तक हो सकता है.आप BIS के सेंटर पर अपनी ज्वैलरी की जांच मात्र 10 मिनट में करवा सकते हैं. यहां सोने-चांदी की स्किन टेस्ट और मेल्ट टेस्ट किया जाता है. यदि जांच में गहनों की शुद्धता 91.6% पाई जाती है, तो हॉलमार्क सही है. अन्यथा, यदि शुद्धता कम है, तो यह मिलावट या नकली हो सकता है.

BIS की वेबसाइट पर मिल जाएगी जानकारी
यदि ज्वैलरी की दुकान से खरीदी गई ज्वैलरी में तय मात्रा से कम सोना मिलता है, तो ग्राहक मुआवजे का हकदार होता है. विक्रेता को कमी के लिए डबल राशि और परीक्षण शुल्क देना पड़ सकता है. अधिक जानकारी के लिए, BIS की वेबसाइट www.bis.gov.in पर जा सकते हैं.

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