नई दिल्ली. बैंकिंग सेक्टर में ग्राहकों के अकाउंट का सक्रिय रहना जरूरी है. अगर किसी बचत या चालू खाते में लंबे समय तक कोई लेन-देन नहीं होता है, तो उसे निष्क्रिय या ‘डोरमेंट’ खाता घोषित किया जाता है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, बैंकों को ऐसे खातों का उचित प्रबंधन करना अनिवार्य है. इसके साथ ही ग्राहकों को अपने जमा किए गए पैसे को प्राप्त करने का अधिकार भी होता है.
अगर किसी बचत या चालू खाते में दो साल से ज्यादा समय तक कोई लेन-देन नहीं होता है, तो वह खाता ‘निष्क्रिय’ या ‘डोरमेंट’ खाता माना जाता है. बैंकों को ऐसे निष्क्रिय खातों को अलग रजिस्टर में रखना होता है ताकि उनका सही तरीके से प्रबंधन हो सके.
अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स क्या हैं?
ऐसे खाते जिनमें 10 साल तक कोई लेन-देन नहीं होता या 10 साल बाद मैच्योर हो चुके फिक्स्ड डिपॉजिट्स जिनका दावा नहीं किया गया, उन्हें ‘अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स’ माना जाता है. इन पैसों को RBI के ‘डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस’ (DEA) फंड में स्थानांतरित कर दिया जाता है. हालांकि, ग्राहकों को यह अधिकार है कि वे बैंक से अपने जमा किए गए पैसे वापस मांग सकते हैं, साथ ही अगर कोई ब्याज लागू होता है तो वो भी प्राप्त कर सकते हैं.
क्या निष्क्रिय खाते पर ब्याज मिलता है?
RBI के नियमों के अनुसार, बचत खाते पर नियमित रूप से ब्याज मिलता रहेगा, चाहे खाता सक्रिय हो या निष्क्रिय. अगर किसी फिक्स्ड डिपॉजिट की मैच्योरिटी के बाद उसका पैसा नहीं निकाला गया, तो उस पर बचत खाता दर के हिसाब से ब्याज मिलेगा.
खाता फिर से सक्रिय कैसे करें?
अगर आपका खाता निष्क्रिय हो गया है, तो उसे फिर से सक्रिय करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जा सकती है:
- ग्राहक को अपने नए केवाईसी दस्तावेजों के साथ बैंक की शाखा में जाना होगा.
- एक फॉर्मल रिक्वेस्ट बैंक की संबंधित ब्रांच को देनी होगी.
- ब्रांच द्वारा केवाईसी दस्तावेजों के सत्यापन के बाद खाता फिर से सक्रिय कर दिया जाएगा.
- खाता सक्रिय होने के बाद ग्राहक को एसएमएस या ईमेल द्वारा सूचित किया जाएगा.
- यह काम 3 दिन के अंदर पूरा कर लिया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : October 5, 2024, 21:41 IST