नई दिल्ली. भारत में कई गंभीर बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है. अपोलो अस्पताल की एक रिपोर्ट में तो भारत को कैंसर कैपिटल तक कह दिया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत में गैर-संक्रमित रोग जिस गति से बढ़ रहे हैं वह चिंता पैदा करने वाला है. मनीकंट्रोल ने इस रिपोर्ट के हवाले से लिखा है कि बारत में हर तीसरा व्यक्ति प्री-डायबेटिक और 3 में से 2 व्यक्ति प्री-हाइपरटेंसिव कंडीशन से जूझ रहे हैं. इसके अलावा 10 में से 1 व्यक्ति अवसाद यानी डिप्रेशन से गुजर रहा है.
इसके बावजूद भारत में हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने वालों की संख्या बहुत कम है. भारत में कितनी जनसंख्या के पास हेल्थ इंश्योरेंस है इस बारे में कोई सटीक आंकड़ा तो नहीं है लेकिन अलग-अलग सोर्स इसे 35-67 फीसदी के बीच कहीं बताते हैं. बढ़ते रोगों को देखते हुए जरूरी है कि अच्छा इंश्योरेंस खरीदा जाए ताकि मुसीबत के समय में किसी के आगे हाथ फैलान की नौबत न आए.
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कैसे चुनें अपने लिए सही प्लान
सबकी जरूरतें अलग-अलग हो सकती हैं. इसलिए सबसे महत्वपूर्ण तो यही है कि आप अपनी जरूरत को पहले समझ लें. आपको एक इंश्योरेंस में क्या चाहिए और क्या नहीं यह देखकर ही कोई भी फैसला करें. हम आपको कुछ पॉइंट्स में बताने का प्रयास कर रहे हैं कि आप इंश्योरेंस खरीदने से पहले इन बातों को ध्यान में रख सकते हैं.
कवरेज
अपनी स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं के अनुसार मैटरनिटी देखभाल और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को कवर में शामिल कराएं.
नेटवर्क
परेशानी मुक्त क्लेम के लिए कैशलेस सुविधाओं वाले अस्पतालों का एक विस्तृत नेटवर्क सुनिश्चित करें.
पहले से मौजूद स्थितियां
पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं के लिए वेटिंग पीरियड और कवरेज विवरण जांचें.
नो-क्लेम बोनस
नो-क्लेम बोनस पर भी विचार करना जरूरी है. यदि आप स्वस्थ रहते हैं और कोई दावा नहीं करते हैं, तो कुछ योजनाएं आपता सम इंश्योर्ड बढ़ाकर आपका कवरेज और अधिक कर सकती हैं. आपकी स्वस्थ आदतों के पुरस्कार के रूप में आपके प्रीमियम में समय के साथ छूट दी जा सकती है.
डेकेयर और घरेलू उपचार
उन उपचारों के लिए कवरेज, जिनके लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है और घर पर ही चिकित्सा देखभाल की जा सकती है.
एम्बुलेंस और अस्पताल में भर्ती होने के बाद
अस्पताल में रहने से पहले और बाद में एम्बुलेंस शुल्क और खर्चों की कवरेज देखें.
कल्याण कार्यक्रम
ऐसी योजनाएं जो स्वस्थ आदतों को रिवॉर्ड करती हैं और स्वस्थ व्यवहार को प्रोत्साहित करती हैं.
फ्लेक्सिबिलिटी और अतिरिक्त लाभ
अपने प्रीमियम में बड़ी बढ़ोतरी किए बिना अपने मौजूदा कवरेज को बढ़ाने के लिए टॉप-अप योजनाओं पर विचार करें. यदि आपके मूल प्लान की बीमा राशि समाप्त हो जाती है तो ये योजनाएं अतिरिक्त कवरेज के रूप में कार्य करती हैं. ऐसी योजनाओं की तलाश करें जो संभावित स्वास्थ्य समस्याओं को जल्दी पकड़ने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच की पेशकश करती हैं, जिससे भविष्य में और अधिक गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को रोका जा सके.
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FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 17:21 IST