SIP शुरू करने से पहले इन 5 बातों का ध्यान, वरना मुनाफे की जगह हो जाएगा नुकसान

नई दिल्ली. सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) आज के समय में खुदरा निवेशकों के लिए नियमित और अनुशासित निवेश का एक प्रभावी माध्यम बन चुका है. इसके जरिए निवेशक रुपये लागत औसत (rupee cost averaging) और चक्रवृद्धि ब्याज (compounding) के फायदों का लाभ उठा सकते हैं. हालांकि, SIP में निवेश करते समय कई नए निवेशक ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे उनके धन संचय (wealth accumulation) के लक्ष्य प्रभावित हो सकते हैं.

विशेषज्ञों का मानना है कि SIP निवेशकों को अपने निवेश का अधिकतम लाभ उठाने के लिए कुछ सामान्य गलतियों से बचना चाहिए. इनमें से प्रमुख गलतियां जैसे डिविडेंड विकल्प चुनना, कम NAV वाले फंड में निवेश करना, अवास्तविक रिटर्न की उम्मीद रखना, मंदी के दौरान SIP रोक देना, और हाल की परफॉर्मेंस पर आधारित फंड का चयन करना शामिल हैं. आइए विस्तार से जानते हैं इनसे बचने के उपाय.

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1. निवेश के उद्देश्य को स्पष्ट करें
SIP शुरू करने से पहले अपने निवेश लक्ष्यों को स्पष्ट करें, जैसे कि बच्चों की शिक्षा, रिटायरमेंट योजना या घर खरीदने के लिए धन जुटाना. उद्देश्य के आधार पर सही फंड का चयन करें.

2. अधिकतम फंड में निवेश करने से बचें
एक साथ कई फंड में निवेश करना आपके पोर्टफोलियो को जटिल बना सकता है. सीमित और विविधतापूर्ण फंड में निवेश करें जो आपकी जोखिम क्षमता और लक्ष्यों के अनुकूल हों.

3. मार्केट ट्रेंड का इंतजार न करें
SIP का मुख्य उद्देश्य नियमित निवेश है. बाजार की स्थिति का अनुमान लगाकर निवेश को रोकने या शुरू करने का प्रयास नुकसान पहुंचा सकता है.

4. निवेश की समीक्षा करना न भूलें
समय-समय पर अपने SIP पोर्टफोलियो की समीक्षा करें. यदि कोई फंड आपके लक्ष्यों को पूरा नहीं कर रहा है, तो विशेषज्ञ की सलाह से बदलाव करें.

5. SIP को जल्दबाजी में बंद न करें
यदि आपको तुरंत पैसे की जरूरत है, तो पूरे SIP को बंद करने के बजाय आंशिक निकासी का विकल्प चुनें. लंबे समय तक निवेश करने से चक्रवृद्धि ब्याज का पूरा लाभ मिलता है.

Tags: Personal finance, Systematic Investment Plan (SIP)

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