नई दिल्ली. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक सुरक्षित निवेश विकल्प है, लेकिन कभी-कभी व्यक्तिगत कारणों या आपातकालीन स्थिति में निवेशकों को अपनी जमा राशि समय से पहले निकालने की आवश्यकता होती है. हालांकि, समय से पहले निकासी करने पर बैंक जुर्माना लगाते हैं, जिसे समझना निवेशकों के लिए आवश्यक है.
समय से पहले निकासी का मतलब है, निवेश की अवधि पूरी होने से पहले फिक्स्ड डिपॉजिट को तोड़ना. इस स्थिति में, बैंक एक निश्चित प्रतिशत जुर्माना वसूलते हैं, जो आपकी ब्याज दर या मूल राशि में कटौती के रूप में लागू होता है.
प्रमुख बैंकों की पेनल्टी
एसबीआई (SBI): ₹5 लाख तक की एफडी पर 0.50% और ₹5 लाख से अधिक पर 1% की दर से पेनल्टी लगती है. ब्याज दर उस अवधि के लिए लागू होगी, जब तक जमा बैंक में रही है.
एचडीएफसी बैंक: 22 जुलाई 2023 से प्रभावी नियमों के अनुसार, ब्याज दर 1% कम दी जाएगी, जो एफडी के बुकिंग समय की दर और वास्तविक अवधि के आधार पर होगी.
पीएनबी (PNB): सभी एफडी पर 1% की पेनल्टी चार्ज की जाती है.
आईसीआईसीआई बैंक: एक साल से कम की अवधि वाली एफडी पर 0.50% और उससे अधिक अवधि वाली एफडी पर 1% जुर्माना.
यस बैंक: 181 दिनों से कम की एफडी पर 0.75% और उससे अधिक पर 1% पेनल्टी लगाई जाती है.
बैंक ऑफ इंडिया: ₹5 लाख से कम की एफडी पर 12 महीने के बाद निकासी पर कोई जुर्माना नहीं.
निवेशकों के लिए सुझाव
एफडी में निवेश करते समय जुर्माना नीति और बैंक के नियमों की पूरी जानकारी लें. अगर निकासी की संभावना हो, तो फ्लेक्सी एफडी जैसे विकल्पों पर विचार करें. जुर्माने के कारण आपकी ब्याज आय पर असर पड़ सकता है, इसलिए निर्णय लेने से पहले सभी पहलुओं पर विचार करें. समय से पहले निकासी की सही योजना बनाकर आर्थिक नुकसान से बचा जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED : November 24, 2024, 06:56 IST