इन शहरों में है जमीन तो हो जाइए खुश, रिपोर्ट में सामने आई बड़ी बात

नई दिल्ली. अयोध्या, वाराणसी, पुरी, द्वारका, शिरडी, तिरुपति और अमृतसर उन 17 उच्च संभावना वाले शहरों में शामिल हैं, जहां आने वाले वर्षों में तेजी से रियल एस्टेट विकास होने की संभावना है. इसकी मुख्य वजह आध्यात्मिक पर्यटन, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और डिजिटलीकरण होगी. रियल एस्टेट एडवाइजर कोलियर्स इंडिया ने 100 से अधिक शहरों में से 30 संभावित उच्च विकास वाले शहरों की पहचान की है. यहां मध्यम से लंबी अवधि में रियल एस्टेट विकास मजबूत होने वाला है.

इन 30 शहरों में से 17 उच्च-संभावना वाले शहरों में तीन या अधिक एसेट क्लास में रियल एस्टेट विकास में तेजी आने की उम्मीद है.

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ये शहर हैं शामिल
कोलियर्स इंडिया द्वारा उत्तर भारत में अमृतसर, अयोध्या, जयपुर, कानपुर, लखनऊ और वाराणसी को ऐसे शहरों की सूची में डाला गया है. पूर्वी भारत में पटना तथा पुरी; पश्चिम भारत में द्वारका, नागपुर, शिरडी तथा सूरत; दक्षिण भारत में कोयम्बटूर, कोच्चि, तिरुपति तथा विशाखापत्तनम और मध्य भारत में इंदौर को इस सूची में जगह दी गई है. सलाहकार ने कहा कि आध्यात्मिक पर्यटन से प्रेरित विकास के मामले में अमृतसर, अयोध्या, द्वारका, पुरी, शिरडी, तिरुपति और वाराणसी ध्यान देने योग्य शहर बनकर उभरे हैं.

इन कारकों से मिल रही मदद
कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बादल याग्निक ने कहा कि छोटे शहर भारत की अर्थव्यवस्था में गतिशील योगदान देने वालों के रूप में उभर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह योगदान बेहतर बुनियादी ढांचे, सस्ती अचल संपत्ति, कुशल प्रतिभा और सरकारी पहलों से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि इस वृद्धि से रियल एस्टेट क्षेत्र 2030 तक अनुमानतः 1000 अरब अमेरिकी डॉलर और 2050 तक संभावित रूप से 5000 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा. उनका मानना है कि तब तक जीडीपी में रियल एस्टेट की हिस्सेदारी 14-16 प्रतिशत हो जाएगी.

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