अब यमुना और हिंडन नदी के आसपास की जमीनों की हो सकेगी खरीद-फरोख्‍त

हाइलाइट्स

यमुना और हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में किसी भी तरह के निर्माण पर अब भी प्रतिबंध है.भूमि की रजिस्‍ट्री केवल कृषि उद्देश्यों के लिए कराई जा सकती है.एनओसी की शर्त लगने के बाद जमीनों की रजिस्‍ट्री ठप पड़ गई.

नई‍ दिल्‍ली. नोएडा प्रशासन ने यमुना और हिंडन नदियों के डूब क्षेत्र में आने वाली कृषि भूमि के पंजीकरण की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी है. साल 2020 से ही जमीन की रजिस्‍ट्री कराने पर रोक लगी हुई थी. नोएडा प्राधिकरण और सिंचाई विभाग द्वारा डूब क्षेत्र में बने अवैध फार्महाउस और निर्माण के खिलाफ कार्रवाई के बाद पिछले चार सालों से बड़े पैमाने पर जमीनों रजिस्‍ट्री नहीं हो रही थी. अब उत्‍तर प्रदेश सरकार ने निर्देश दिया है कि यदि दस्तावेज सही हैं तो सभी आवश्यक स्वीकृतियां एक महीने के भीतर पूरी करके जमीनों की रजिस्‍ट्री की जाए.

कृषि भूमि के मालिक एक पोर्टल के माध्यम से जरूरी स्‍वीकृतियों के लिए आवेदन कर सकते हैं. आवेदनों की समीक्षा अतिरिक्त डीएम (वित्त और राजस्व) के नेतृत्व वाली एक टीम करेगी. इन आवेदनों पर एक महीने में निर्णय लेना होगा. पिछले कुछ दिनों में प्रशासन को पांच आवेदन मिल चुके हैं. गौरतलब है कि साल 2020 में, आपदा प्रबंधन समिति ने एक आदेश जारी किया, जिसमें आवेदकों को बाढ़ वाले क्षेत्रों में संपत्तियों की बिक्री और खरीद के लिए नोएडा प्राधिकरण और सिंचाई विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया गया.

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NOC लेना बन गया था टेढी खीर
साल 2020 में नोएडा प्रशासन के एनओसी लेने के आदेश के बाद यमुना और हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में आने वाली कृषि भूमि की खरीद-बिक्री की रजिस्‍ट्री ठप पड़ गई. सिंचाई विभाग और नोएडा प्राधिकरण से एनओसी लेना टेढी खीर बन गया. प्रक्रिया सुव्यवस्थित नहीं थी. अधिकारियों के लिए रजिस्ट्री आवेदनों को मंजूरी देने के लिए कोई विशिष्ट समयसीमा नहीं थी, जिससे लंबे समय तक आवेदन लटकते रहे. नदियों के पास कृषि भूखंडों के पंजीकरण के लिए नोएडा प्राधिकरण और सिंचाई विभाग से एनओसी प्राप्त करने में भूमि मालिकों को महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा.

अब एक महीने में मिलेगी एनओसी
यमुना और हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में किसी भी तरह के निर्माण पर अब भी प्रतिबंध है. भूमि की रजिस्‍ट्री केवल कृषि उद्देश्यों के लिए कराई जा सकती है. अब सरकार ने नए आदेश में कहा है कि अधिकारियों को एनओसी के लिए आवेदन प्राप्त होने के एक महीने के भीतर एनओसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी, और किसी भी देरी के लिए अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा.

2020 में मिले थे अवैध निर्माण
साल 2020 में यमुना प्राधिकरण और सिंचाई विभाग की जांच में यमुना और हिंडन के डूब क्षेत्र में कई अवैध निर्माण मिले. इनको सील कर दिया गया और जमीन के रजिस्ट्री आवेदनों को रोक दिया गया. रजिस्‍ट्री के लिए नए नियम बनाए गए और एनओसी को अनिवार्य किया गया. एनओसी प्रक्रिया बहुत जटिल और लंबी थी, इस वजह से जमीनों की रजिस्ट्रियां रुक गईं.

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