नई दिल्ली. मकान हो फ्लैट या फिर कोई भी प्रॉपर्टी, आपको कीमत एक ही चीज पर देनी होती है कि वह संपत्ति कितने वर्गफुट की है. बिल्डर भी वर्गफुट के हिसाब से ही आपको प्रॉपर्टी बताता है और पैसे वसूलता है. यहां तक तो ठीक है, लेकिन प्रॉपर्टी जब वर्गफुट में बताई जाती है तो यह कौन सा एरिया होता है, इसे लेकर काफी कन्फ्यूजन रहती है. रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट (RERA) आने से पहले बिल्डर सुपर बिल्ट अप एरिया अथवा बिल्ट आप एरिया पर प्रॉपर्टी बेच देते थे, लेकिन रेरा ने इस मनमानी पर लगाम लगा दिया है.
रेरा लागू होने के बाद अब किसी भी प्रॉपर्टी की कीमत उसके रेरा कार्पेट एरिया के आधार पर ही तय की जा सकेंगी. कार्पेट एरिया का मतलब है कि किसी अपार्टमेंट या फ्लैट का उपयोग करने लायक एरिया और अंदर की दीवार. इसमें बाहरी दीवार, सर्विस सॉफ्ट, विशेष बालकनी, बरामदा या खुली छत शामिल नहीं होती है. रेरा ने साफ कर दिया है कि अब सभी बिल्डर और डेवलपर्स सिर्फ रेरा कार्पेट एरिया के हिसाब से ही उस संपत्ति की कीमत वसूल सकते हैं.
रिफंड पाने का अधिकार
रेरा ने ग्राहकों को रिफंड पाने का भी अधिकार दिया है. मान लीजिए आपने किसी निर्माणाधीन प्रॉपर्टी में फ्लैट खरीदा है और तब आपको कार्पेट एरिया जो बताया गया और जिसके हिसाब से आपने पैसे दिए हैं, निर्माण पूरा होने के बाद कार्पेट एरिया उससे कम निकला तो बिल्डर या डेवलपर्स आपको बाकी के पैसे रिफंड करेंगे. यह रिफंड 45 दिनों के भीतर आपको मिल जाएगा. देरी करने पर बिल्डर को जुर्माना देना पड़ेगा. इसी तरह, अगर बाद में कार्पेट एरिया बढ़ गया तो फिर ग्राहक को अतिरिक्त पैसों का भुगतान करना होगा. हालांकि, रेरा ने कार्पेट एरिया बढ़ाने की सीमा पूर्व निर्धारित जगह की 3 फीसदी तक ही तय की है.
रेरा कार्पेट एरिया से क्या फायदा
- इसके लागू होने के बाद प्रॉपर्टी मार्केट में पारदर्शिता आ गई है.
- सभी जगह और सभी प्रॉपर्टी के लिए एक स्टैंडर्ड लागू हो गया है.
- ग्राहकों को प्रॉपर्टी का सही आकलन होगा और पैसों की ठगी नहीं हो पाएगी.
- कंपनियों को अपने ब्रोशर में भी कार्पेट एरिया लिखना जरूरी कर दिया गया है.
- बिल्डर आपसे पैसे भी सिर्फ रेरा कार्पेट एरिया के आधार पर ही वसूल सकता है.
कार्पेट एरिया से अलग है रेरा कार्पेट एरिया
रेरा कार्पेट एरिया का नाम सुनकर आपको लगता होगा कि यह कार्पेट एरिया जैसी ही कोई चीज है तो जरा ठहरिये. रेरा कार्पेट एरिया और कार्पेट एरिया के बीच काफी अंतर होता है. इसमें सबसे बड़ा अंतर दीवार की मोटाई को लेकर रहता है. रेरा कार्पेट एरिया में अंदर की दीवारों की मोटाई भी शामिल है. इसे आंकड़ों में देखा जाए तो इसमें 5 फीसदी का अंतर होगा. मान लीजिए किसी फ्लैट का कार्पेट एरिया 1000 वर्गफुट है तो इसका रेरा कार्पेट एरिया 1050 वर्गफुट होगा.
रेरा कार्पेट एरिया का कैलकुलेशन कैसे करें
बात जब कार्पेट एरिया की हो तो यह ज्यादातर प्रॉपर्टी के मामले में कुल बिल्ट अप एरिया का करीब 70 फीसदी रहता है. अगर कोई प्रॉपर्टी 1000 वर्गफुट में बनी है तो उसका कार्पेट एरिया करीब 700 वर्गफुट होगा. रेरा कार्पेट एरिया की गणना भी इसी मानक के आधार पर की जाएगी. यहां ध्यान रखने वाली बात ये है कि कई बार बिल्डर रेरा कार्पेट एरिया की कीमत बढ़ाकर बताते हैं तो आप आसपास के अन्य बिल्डर की प्रॉपर्टी की कीमत भी चेक कर लें.
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FIRST PUBLISHED : December 14, 2024, 16:29 IST