आपके घर में झांक रहा है पड़ोसी का पेड़? क्या है इसका उपाय?

हाइलाइट्स

बगल के घर में लगे पेड़ की आपके घर में झुकी टहनियों को काट सकते हैं आप. दिक्‍कत पैदा कर रहे वृक्ष को काटने के लिए आपको देना होगा आवदेन. आवेदन में पेश आ रही समस्‍या के साथ कुछ और बातों का देना होगा विवरण.

नई दिल्‍ली. अपने घर या प्‍लाट का मनचाहा इस्‍तेमाल बिना किसी व्‍यवधान के हर कोई करना चाहता है. लेकिन, बगल में बना मकान या पड़ोसी के घर में लगा पेड़ आपकी प्रॉपर्टी को हानि पहुंचाता है या असुविधा पैदा करता है. अगर आपके पड़ोसी के घर या प्‍लाट में लगे पेड़ की टहनियां या शाखाएं से आपको असुविधा हो रही है या आप अपनी प्रॉपर्टी में निर्माण नहीं कर पा रहे हैं, तो ऐसे पेड़ की कटाई-छंटाई आप करा सकते हैं. अगर कोई पेड़ आपके जान या माल के लिए गंभीर खतरा बन गया है तो उसे आप कटवा भी सकते हैं. हां, इसके लिए आपको कानूनी रास्‍ता अपनाना होगा. आवश्‍यक मंजूरी के बाद ही आप ऐसा कर सकते हैं.

घर, मकान या प्‍लाट को अचल संपत्ति माना (Immovable Property) माना गया है. यह ऐसी संपत्ति से है जिसे दूसरी जगह स्‍थानांतरित नहीं किया जा सकता. आपकी अचल संपत्ति में कोई भी व्‍यक्ति न दखल दे सकता है और न ही किसी भी तरह से अतिक्रमण कर सकता है. खास बात यह है कि जो संपत्ति आपके पास है, उस भूखंड पर ही नहीं बल्कि उसके ऊपर के हवाई क्षेत्र (Air Space) पर भी आपका अधिकार है.

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पेड़ से हो दिक्‍कत तो क्‍या करें?
अगर आपके पड़ोसी के घर में या प्‍लाट में लगे पेड़ की वजह से आप अपनी अचल संपत्ति के इस्‍तेमाल करने में दिक्‍कत महसूस कर रहे हैं तो उस समस्‍या का निराकरण कराना आपका हक है. कई बार ऐसा होता है कि पेड़ की शाखाएं या टहनियां, दूसरे घर की ओर झुक जाती हैं. ऐसी स्थिति में इसे अचल संपत्ति में अतिक्रमण माना जाता है.

एडवोकेट विवेक कादयान के अनुसार, गुवाहाटी हाईकोर्ट ने इंद्राचंद जाजू वर्सेज द सब डिविजनल ऑफिसर, जोराहट के मामले में कहा कि अचल संपत्ति में मालिक का मालिकाना हक भूमि, भूमि के नीचे, सतह पर और उस जगह के हवाई क्षेत्र (Air Space) पर भी होता है. अगर कोई किसी की अचल संपत्ति के हवाई क्षेत्र का भी उल्‍लंघन करता है, तो वह भी अतिक्रमण श्रेणी में आता है. इस मामले में एक व्‍यक्ति ने अपने मकान का पर एक छज्‍जा बनाया था, जो कि वादी की संपत्ति के ऊपर जा रहा था.

मद्रास उच्च न्यायालय ने बैचा रोथर बनाम अलगप्पन सेरवई (Batcha Rowther v. Alagappan Servai, AIR 1959 Mad 12) मामले में कहा कि किसी पेड़ के मालिक को यह अधिकार नहीं है कि वह अपनी शाखाओं को अपने पड़ोसी के घर में लटकने दे. यदि ऐसा हो रहा है तो पड़ोसी पेड़ के मालिक की भूमि में प्रवेश किए बिना (अगर संभव है तो) शाखाओं को काट सकता है.

लेनी होगी अनुमति?
पड़ोसी का पेड़ अगर आपकी संपत्ति पर अतिक्रमण कर रहा है तो उसकी कटाई-छंटाई करने या काटने के लिए आपको स्‍थानीय निकाय को अर्जी देनी होगी. इसमें आपको पेड़ की स्थिति और उससे उत्‍पन्‍न समस्‍या का पूर्ण विवरण देना होगा. अगर हम नई दिल्‍ली की बात करें, तो यहां पर पेड़ को काटने या उसकी टहनियों को छांटने के लिए आपको दिल्‍ली प्रिजर्वेशन ऑफ ट्रीज एक्‍ट, 1994 में वर्णित प्रक्रिया का पालन करना होगा.

आपकी संपत्ति में अतिक्रमण कर रहा पेड़ सरकारी जमीन पर हो या निजी, आपको पहले अपने एरिया के डिप्‍टी कंजर्वेटर ऑफ फोरेस्‍ट (DCF) के पास फॉर्म ‘बी’ भरकर आवेदन करना होगा. आवेदन में आपको पेड़ से पैदा संकटर, पेड़ की लोकेशन और पेड़ का फोटो भी देना होगा. आवेदन देने के 2 महीने के भीतर आपको पेड़ की कटाई-छंटाई की अनुमति मिल जाएगी.

अनुमति के बाद भी पेड़ न काटने दे पड़ोसी तो क्‍या करें?
स्‍थानीय निकाय से अनुमति के बाद भी अगर पड़ोसी आपको आपकी ओर आई पेड़ की टहनियों या शाखाओं को न काटने दें, तो आप पुलिस में शिकायत दे सकते हैं. क्‍योंकि, पेड़ द्वारा उत्‍पन्‍न हुई बाधा, आपकी अचल संपत्ति में अतिक्रमण है, इसलिए आप इसे हटाने को कोर्ट में वाद भी दायर कर सकते हैं.

गंभीर खतरा होने पर तुरंत कार्रवाई
अगर पेड़ से आपकी जान और माल को गंभीर खतरा है, तो ऐसी स्थिति में स्‍थानीय प्रशासन उस वृक्ष को तुरंत हटवा सकता है. पेड़ गिरने वाला है या उसकी शाखाओं के टूटने का बहुत ज्‍यादा खतरा है तो ऐसी स्थिति में प्रशासनसूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई करता है.

सीआरपीसी की धारा 133 के अनुसार, किसी भी इमारत, पेड़ या संरचना (स्ट्रक्चर) के गिरने और नुकसान होने की संभावना है, और इसलिए ऐसी इमारत, पेड़ या संरचना की मरम्मत करना, उसको हटाना या उसको सहारा देना आवश्यक हो जाता है तो एक जिला मजिस्ट्रेट, एक उप-मंडल (सब डिविजनल) मजिस्ट्रेट या यहां तक कि राज्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट किसी भी अन्य कार्यकारी (एग्जिक्यूटिव) मजिस्ट्रेट ऐसा करने का आदेश दे सकता है.

Tags: Business news, Property, Property dispute

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