नई दिल्ली. क्वांट म्यूचुअल फंड मामले पर सेबी की छापेमारी के बाद उसमें निवेशित लोगों इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि क्या उन्हें अपना पैसा निकाल लेना चाहिए. कई इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इस पर अपनी राय दे रहे हैं. उनका कहना है कि निवेशक अभी रुको और देखों की नीति अपना रहे हैं. आनंद राठी वेल्थ के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज ने कहा है कि उन्होंने अपने निवेशकों को भी यही सलाह दी है कि वह जांच खत्म होने का इंतजार करें.
उन्होंने कहा कि ट्रेडर भले इस न्यूज पर प्रतिक्रिया देते हुए कोई कदम उठा सकते हैं लेकिन निवेशकों को ऐसा नहीं करना चाहिए. बकौल अजीज, निवेशकों को तभी इस पर कोई फैसला लेना चाहिए जब जांच पूरी हो जाए. मनीकंट्रोल के अनुसार, अधिकांश इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स का यही कहना है कि उन्होंने अभी उन्होंने खुद से रिडेंप्शन (पैसा वापस निकालना) की कोई प्रक्रिया नहीं शुरू की है और न ही उन्हें किसी निवेशक ने ऐसा करने के लिए आग्रह किया है.
एक एडवाइजर ने दी अलग राय
प्राइम इन्वेस्टर अभी इकलौता इन्वेस्टमेंट एडवाइजर है जिसने औपचारिक तौर पर अपने निवेशकों को क्वांट एएमसी से बाहर निकलने की सलाह दी है. अपने निर्णय के बारे में बताते हुए प्राइम इन्वेस्टर ने कहा कि यह कॉल जल्दबाजी में की गई लग सकती है और निवेशक इंतजार करना और देखना पसंद कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि उनका नजरिया तब को लेकर है अगर वास्तव में यह खबर सच हो जाए और इससे जुड़ी डिटेल्स सामने आ जाएं.
क्या है मामला?
क्वांट एएमसी पर फ्रंट रनिंग का आरोप लगा है. यह बाजार में एक गैर-कानूनी गतिविधि है. इसमें ब्रोकर से पास पहले से ही एक या कई ट्रेड के बारे में जानकारी होती है और उसी के आधार पर वह पैसा लगाता है. यह जानकारी उसे अन्य ब्रोकर्स की तुलना में एडवांटेज देती है. आपको बता दें कि यह म्यूचुअल फंड देश में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले म्यूचुअल फंड में से एक है. 4 साल के अंदर इसका एसेट अंडर मैनेजमेंट मात्र 258 करोड़ रुपये से बढ़कर 90,000 करोड़ रुपये हो गया है.
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FIRST PUBLISHED : June 25, 2024, 20:43 IST