अल्ट्राटेक-इंडिया सीमेंट डील में दमानी को हो गया 800 करोड़ का नुकसान, लेकिन कैसे?

नई दिल्ली. जाने-माने इन्वेस्टर और रिटेल स्टेर डी-मार्ट के संस्थापक राधाकिशन दमानी ने हाल ही में इंडिया सीमेंट्स में अपनी हिस्सेदारी अल्ट्राटेक को बेच दी. यह सौदा 27 जून को हुआ. इस सौदे में हर शेयर को 270 रुपये की कीमत पर बेचा गया और ट्रांजेक्शन की कुल वैल्यू 1,889 करोड़ रुपये रही. राधाकिशन दमानी, उनके भाई और एसोसिएट कंपनियों के पास इंडिया सीमेंट्स की कुल मिलाकर 23 फीसदी होल्डिंग थी. दमानी व उनसे जुड़े लोगों ने इंडिया सीमेंट में 2015 के बाद से धीरे-धीरे हिस्सेदारी बढ़ाना शुरू की थी. इसलिए शेयरों की एवरेज कीमत का एक अनुमान ही लगाया जा सकता है. मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, उनकी हिस्सेदारी की खरीद वैल्यू कुल 600-700 करोड़ रुपये बनती थी.

इस लिहाज से देखा जाए तो राधाकिशन दमानी और उनके एसोसिएट्स को इस सौदे में करीब तिगुना मुनाफा हुआ है. हालांकि, अगर दमानी एक महीना और रुक जाते तो उनका मुनाफा करीब 800 करोड़ रुपये और बढ़ जाता. दरअसल, 27 जून के बाद अल्ट्राटेक ने एक बार इंडिया सीमेंट्स में हिस्सेदारी खरीदना शुरू किया. इस बार कंपनी ने 3,954 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. इसी के साथ इंडिया सीमेंट्स में अल्ट्राटेक की हिस्सेदारी 55.49 फीसदी हो गई. यह सौदा 390 रुपये प्रति शेयर पर हुआ.

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राधाकिशन दमानी और उनके एसोसिएट्स ने शेयरों की बिक्री से 1,889 करोड़ रुपये कमाए थे. यह सौदा 277 रुपये प्रति शेयर पर हुआ था. अगर दमानी एक महीने और रुक जाते तो यह सौदा 390 रुपये प्रति शेयर की दर से होता. इस तरह से उन्हें सौदे के लिए 2,694 करोड़ रुपये प्राप्त होते और मुनाफा 805 करोड़ रुपये और बढ़ जाता.

अधिग्रहण से क्या फायदा
इंडिया सीमेंट्स का अधिग्रहण अल्ट्राटेक सीमेंट्स को दक्षिण भारत में लाभ पहुंचा सकता है. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अनुसार, इससे दक्षिण भारत में सीमेंट का मार्केट कंसोलिडेट होगा और 5 कंपनियों के पास 53 फीसदी बाजार हिस्सेदारी हो जाएगी. ब्रोकरेज ने यह भी कहा कि संभव है कि यह अधिग्रहण अल्ट्राटेक को निकट भविष्य में लाभ न पहुंचाए क्योंकि बाजार में अभी भी 30 से ज्यादा खिलाड़ी हैं और सबकी क्षमता अच्छी है.

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