बुलेट ट्रेन के बाद अब स्लीपर वंदे भारत पर संकट के बादल, टॉयलेट बना विवाद की वजह

‘नई दिल्ली. वंदे भारत ट्रेन के स्लीपर वर्जन को लेकर भारतीय रेलवे और रूसी रोलिंग स्टॉक निर्माता ट्रांसमाशहोल्डिंग (TMH) के बीच डिजाइन और लागत को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. यह मुद्दा प्रोजेक्ट की समय-सीमा को प्रभावित कर सकता है और लागत बढ़ा सकता है. TMH के नेतृत्व में बने इंडो-रशियन जॉइंट वेंचर ने सितंबर 2023 में भारतीय रेलवे के साथ 1,920 स्लीपर कोच की आपूर्ति और 35 वर्षों तक इसके रखरखाव के लिए समझौता किया था.

यह प्रोजेक्ट महाराष्ट्र के लातूर में मराठवाड़ा रेल कोच फैक्ट्री में उत्पादन के लिए निर्धारित था. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, डिजाइन में बदलाव और नए फीचर्स जोड़ने की मांग ने प्रोजेक्ट को जटिल बना दिया है.

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डिजाइन बदलाव और रेलवे की मांग
भारतीय रेलवे ने मई 2024 में TMH को कोच के डिजाइन और आंतरिक सुविधाओं में बदलाव का निर्देश दिया. इसमें अतिरिक्त टॉयलेट और पैंट्री कार जैसी मांगें शामिल हैं. TMH के सीईओ किरिल लिपा के अनुसार, यह बदलाव कोच के पूरे लेआउट को प्रभावित करते हैं, जिसमें खिड़कियों, सीटों और अन्य डिजाइनों को दोबारा बनाना होगा. उन्होंने कहा कि इन परिवर्तनों के लिए अतिरिक्त समय और बजट की जरूरत है.

लिपा ने बताया, “हमने भारतीय रेलवे को सितंबर 2024 में अपने जवाब भेजे हैं और डिजाइनों में बदलाव के लिए मुआवजे या अतिरिक्त बजट की मांग की है. हालांकि, रेलवे से अब तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है.”

अंतर-सरकारी बैठक में उठाया मुद्दा
इस विवाद को भारत-रूस के बीच हुई इंटर-गवर्नमेंटल बैठक में भी उठाया गया, जिसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रूस के प्रथम उप-प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव मौजूद थे. लिपा ने इस बैठक में प्रोजेक्ट में देरी और लागत वृद्धि की समस्या पर चर्चा की. उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों पक्ष जल्दी समाधान पर पहुंचेंगे.

अन्य कंपनियां भी शामिल
TMH और RVNL के गठजोड़ के अलावा, टीटागढ़-ब्रेल (Titagarh-BHEL) भी ऐसे 80 स्लीपर ट्रेनों का निर्माण करेगी. TMH वर्तमान में यात्री ट्रेन, कोच, मेट्रो कार, लोकोमोटिव और अन्य रेल उपकरणों की वैश्विक स्तर पर आपूर्ति करता है. रेलवे ने कहा है कि बदलावों के बाद पहले प्रोटोटाइप को 24 महीनों के भीतर सप्लाई करना होगा. हालांकि, अगर समाधान में और देरी हुई, तो प्रोजेक्ट की समयसीमा और उत्पादन लागत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है.

Tags: Indian railway, Vande bharat

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