घुप अंधेरे में ट्रेन की ओर टॉर्च जलाकर पागलों की तरह क्‍यों दौड़े लोग

हाइलाइट्स

भारी बारिश के कारण एक रेलवे अंडरपास में भर गया था पानी. पानी की वजह से रेलवे ट्रैक के नीचे से खिसक मिट्टी. मिट्टी कटने से पिलर धंस गए और पटरी हवा में झूलने लगी.

नई दिल्‍ली. बारिश थम चुकी थी, लेकिन बादलों की वजह से रात साढे नौ बजे ही घना अंधेरा छाया था. जयपुर-से गंगानगर जा रही स्पेशल ट्रेन के लोको पायलट को इस अंधेरे में ट्रैक पर ट्रेन की तरफ एक साथ कई रोशनी आती दिखाई दी. उसे थोड़ी देर में ही अंदाजा हो गया कि टॉर्च और मोबाइल फ्लैश जलाकर कुछ लोग गाड़ी की ओर दौड़े चले आ रहे हैं. उसने तुरंत माजरा समझ लिया और इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए. अगर समय रहते वह ऐसा न करता तो हो सकता था कि देश में एक और बड़ा रेल हादसा हो जाता. लेकिन, समय रहते किसानों ने अपनी सूझबूझ से एक बड़े ट्रेन एक्‍सीडेंट को टाल दिया.

दरअसल, हरियाणा के सिरसा जिले के बेहरवाला गांव के पास भारी बारिश के कारण एक रेलवे अंडरपास के पास रेलवे लाइन के नीचे से मिट्टी खिसक गई. इससे पटरी के नीचे लगाए गए पत्‍थर के चार पिलर धंस गए और पटरी हवा में झूल गई. अंडरपास में जमा पानी देखने आए किसानों की नजर पटरी पर पड़ी तो उन्‍होंने पुलिस को फोन किया. लेकिन, तभी उन्‍हें एक ट्रेन आती दिखाई दी. मौके पर मौजूद किसान अपने मोबाइल की फ्लैश लाइट और टार्च जलाकर पटरियों पर लोको पायलट को ट्रेन रोकने का इशारा करते हुए दौड़ पड़े.

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अंडरपास को देखने गए थे किसान
सिरसा के ऐलानाबाद क्षेत्र में हुई बारिश के कारण गांव बेहरवाला और तलवाड़ा खुर्द के बीच बने रेलवे अंडरपास में पानी भर गया था. किसान शुक्रवार रात करीब साढ़े 9 बजे अंडर पास में जमा पानी देखने आए हुए थे. अंडर पास में पानी जमा होने से आवागमन पूरी तरह ठप हो गया था. तभी उनकी नजर रेल पटरी पर पड़ी तो उन्‍होंने देखा की रेल पटरी के नीचे से पिल्लर निकल गए हैं और पटरी हवा झूल रही है. किसानों ने मिट्‌टी खिसकने की सूचना डायल 112 पर पुलिस को दी.

30 मीटर दूर रुकी ट्रेन
पुलिस को सूचना देने के कुछ समय बाद ही ट्रैक पर जयपुर-गंगानगर स्‍पेशल ट्रेन किसानों को आती दिखी. ट्रेन ज्‍यादा दूर नहीं थी. इसलिए किसान ट्रैक पर ही ट्रेन रुकवाने को उसकी और दौड़ पड़े. लोको पायलट ने समझदारी दिखाते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए. ट्रेन घटनास्थल से महज 30 मीटर पहले ही रूकी. अगर समय रहते किसान सूझबूझ से काम न लेते तो बड़ा रेल हादसा हो सकता था.

45 मिनट रुकी रही ट्रेन
पटरी क्षतिग्रस्‍त होने की सूचना लोको पायलट ने रेल अधिकारियों को दी. मौके पर आरपीएफ और जीआरपी अधिकारी भी पहुंचे. पटरी को ठीक करने में किसानों ने रेलकर्मियों की मदद की. इस काम में करीब 45 मिनट लग गए. पटरी ठीक करने के बाद धीरे-धीरे ट्रेन को वहां से गुजारा गया.

Tags: Indian railway, Railway News, Train accident

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