नई दिल्ली. अगले साल आप जब दिवाली में ट्रेन पकड़ने के लिए घर जा रहे होंगे तो एयरपोर्ट जैसे स्टेशन से सफर शुरू कर सकेंगे. भारतीय रेलवे 1100 से अधिक स्टेशनों को रिडेवलप कर रहा है. इनमें 200 से ज्यादा स्टेशन अगली दिवाली से पहले पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएंगे. इसमें छोटे-बड़े सभी श्रेणी के स्टेशन शामिल होंगे. कई बड़े स्टेशन भी शामिल हैं, आइए जानें वो कौन कौन से स्टेशन हैं?
भारतीय रेलवे अमृत भारत रेलवे स्टेशन के तहत रेलवे स्टेशनों को रिडेवलप कर रहा है. इनमें रूफ प्लाजा, इंटर मॉडल कनेक्टिविटी, ट्रांसपोर्ट हब, बच्चों के खेलने का स्थान, कियोस्क, लिफ्ट, वेटिंग रूम, फूड कोर्ट, शापिंग मॉल सब कुछ होगा. साथ ही, इन्हें पर्यावरण और दिव्यांगों के अनुकूल बनाया जा रहा है. यानी इनमें तमाम स्टेशन एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं वाले होंगे. रिडेवलप हो रहे स्टेशनों में ज्यादातर में काम शुरू हो चुका है. दो से तीन साल में सभी स्टेशन बनकर तैयार हो जाएंगे.
ये प्रमुख स्टेशन अगली दिवाली हो जाएंगे तैयार
सफदरजंग और बिजवासन स्टेशन दिल्ली, चंडीगढ़, जालंधर कैंट, रामेश्वरम, पुरी, भुवनेश्वर, नेल्लोर, गांधी नगर जयपुर, जैसलमेर प्रमुख रूप से अगले साल दिवाली तक बनने वाले स्टेशनों में शामिल हैं. ये सभी स्टेशनों के निर्माण में लोकल कल्चर को शामिल किया जा रहा है, जिससे स्टेशन पर उतरते ही शहर का मिजाज यात्रियों को पता चल सके.
तैयार होने वाले स्टेशनों की खासियत
ऐसा दिखेगा सफदरजंग स्टेशन.
सफदरजंग स्टेशन- यह देश का ऐसा स्टेशन होगा जो ट्रेनों की आवाजाही के साथ बिजनेस हब भी बनेगा. यहां पर 41361 वर्ग मीटर आफिस एरिया विकसित किया जाएगा. इस एरिया में करीब 2200 कमरे होंगे. यहां आफिस आने वाले कर्मचारियों प्लेटफार्म से उतरकर सीधे आफिस पहुंच सकेंगे. उन्हें आवागमन के लिए निजी वाहन, मेट्रो या बस का सफर नहीं करना पड़ेगा.
बिजवासन स्टेशन- यह स्टेशन नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, निजामुद्दीन और आनंद विहार के बाद पांचवां सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन बनेगा. इस स्टेशन की खासियत यह होगी कि स्टेशन से मेट्रो या पार्किंग स्काई वे बनेंगे, जिससे यात्री सीधा स्टेशन पहुंच सकेंगे. लोवर ग्राउंड, ग्राउंड और एयर कॉनकोर्स मिलाकर पूरास स्टेशन करीब 30000 वर्ग मीटर विकसित किया जा रहा है. रूप प्लाजा एरिया 11000 वर्ग मीटर के करीब होगा. चार सबवे 12 मीटर चौड़े बनेंगे.
रामेश्वरम स्टेशन- इसको 2061 तक के अनुसार विकसित किया जा रहा है. धार्मिक महत्व को देखते हुए यहां आने वाले श्रद्धालुओं के रुकने के लिए स्टेशन पर रेस्ट रूम और डोरमेट्री बनाए जा रहे हैं, जिससे ट्रेन से आने वाले यात्रियों को रुकने के लिए उधर न भटकना पड़े. स्टेशन तैयार होने के साथ यह सुविधा भी उपलब्ध हो जाएगी.
मंदिर जैसा दिखेगा रामेश्वर स्टेशन.
चंडीगढ़ स्टेशन- यह देश का पहला माड्यूलर रेलवे स्टेश बन रहा है. इसका स्ट्रक्चर फैक्ट्रियों में तैयार किया जा रहा है और स्टेशन पर लाकर एसेंबल किया जा रहा है. यह स्टेशन भविष्य के स्टेशनों के लिए मॉडल के रूप में तैयार होगा.
पुरी और भुवनेश्वर स्टेशन– इसका डिजाइन कलिंग वास्तुकला के अनुसार किया जा रहा है. कलिंग वास्तुकला ईसा पूर्व चौथी शताब्दी से जुड़ी है. वास्तुकला की कलिंग शैली का जीवंत उदाहरण जगन्नाथ मंदिर भी है. पुरी रेलवे स्टेशन की खासियत होगी कि बाहरी हिस्सा मंदिर को प्रतिबिंबित करेगा.
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FIRST PUBLISHED : October 31, 2024, 12:16 IST