वंदेभारत एक्‍सप्रेस से बनी नमो भारत रैपिड रेल पांच सालों में कितनी बदली? जानें

भुज. भारतीय रेल की पहली रैपिड रेल को प्रधानमंत्री एक दिन पूर्व झंडी दिखाकर रवाना कर चुके हैं. यह ट्रेन भुज और अहमदाबाद के बीच चली है. मंगलवार से नियमित रूप से चलने लगेगी. पुरानी वंदेभारत एक्‍सप्रेस 2019 में दिल्‍ली से वाराणसी के बीच चली थी. पांच साल बाद आयी नमो भारत रैपिड रेल पुरानी वंदेभारत से कितनी बदल गयी है, क्‍या हैं पांच बड़े बदलाव, आइए जानें-

चूंकि इस रैपिड रेल को लोकल ट्रेन के रूप में आसपास के दो प्रमुख शहरों के बीच चलाया जाएगा. इसलिए इसकी. डिजाइन लोकल पैसेंजरों को ध्‍यान में रखते हुआ किया गया है, जिससे सामान और यात्री भी अधिक आ जाएं. जानिए पांच बड़े बदलाव.

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1- इस ट्रेन का गेट वंदेभारत एक्‍सप्रेसव की तुलना में अधिक चौड़े हैं. इनकी चौड़ाई 1.3 मीटर की है, जबकि पुरानी वंदेभारत एक्‍सप्रेस की आधी थी. चूंकि यह ट्रेन लोकल में चलेगी और बीच में पड़ने वाले स्‍टेशनों में कम कम समय के लिए रुकेगी. चौड़े गेट होने से एक साथ काफी संख्‍या में यात्री ट्रेन में चढ़ सकेंगे. जिस तरह लोकल ट्रेन के गेट चौड़े होते हैं.

2- सबसे खास बात यह है कि यह ट्रेन इसका एसी पहले की वंदेभारत की तुलना ज्‍यादा क्षमता वाला है. पहले आठ-आठ टन के दो एसी प्रत्‍येक कोच में चले होते थे. लेकिन इसमें15-15 टन के दो एक प्रत्‍येक कोच में लगे हैं. इससे कोच में अधिक भीड़ होने पर ठंडक बरकरार रहेगी.

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3- इस में लगेज रखने के लिए बना कैरियर अलग डिजाइन का है. पुरानी वंदे भारत में लैगेज करियर में लाइटिंग का इंतजाम किया गया है, जिससे लोग सफर के दौरान पढ़ सकें. इसलिए पूरे कैरियर में वायरिंग थी, जबकि इसमें लाइटिंग नहीं है. यह प्‍लेन है.

4- चूंकि यह ट्रेन लोकल ट्रेन के रूप में चलेगी और एक साथ काफी संख्या में लोग चढ़ेंगे और उतरेंगे. जिससे धक्का मुक्‍की की संभावना होती है. इससे बचाने के लिए बीच में ग्रिल लगाई गई है, जिससे यात्री सुविधा अनुसार एक तरफ से चढ़ें और दूसरी तरफ से उतर सकें.

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5- वंदे भारत में ऊपर पकड़ने के लिए हैंडल नहीं लगे हैं, चूंकि वो पूरी ट्रेन रिजर्वेशन वाली है, इसलिए खड़े होकर सफर करने की जरूरत नहीं है, जबकि रैपिड रेल में हैंडल लगे हुए हैं, जिससे यात्री खड़े होकर भी यात्रा कर सकते हैं.

Tags: Indian Railway news, Vande bharat

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