Railway Knowledge: यात्रियों के नहीं, टीटी के जिम्मे होता है ये जरूरी काम

नई दिल्‍ली. आप ट्रेन में सफर करने करने जा रहे हैं, स्‍टेशन में ट्रेन लगने के बाद कई बार प्‍लेटफार्म के साथ-साथ उल्‍टी दिशा के गेट भी खुले होते हैं. गेट खुले होने की वजह से सामान चोरी होने का डर भी रहता है. इस वजह से यात्री स्‍वयं गेट बंद करता है. लेकिन शायद आपको यह पता नहीं होगा कि गेट बंद करने की जिम्‍मेदारी रेलवे ने तय कर रखी है. यह काम टीटी का है. आइए जानें इस संबंध में क्‍या कहता है रेल मैन्‍युअल?

भारतीय रेल मैन्‍युअल के अनुसार ट्रेन यात्रियों की सुरक्षा और संरक्षा प्राथमिकता होती है. ट्रेन में चढ़ने से लेकर उतरने तक भारतीय रेलवे यात्रियों की हितों की रक्षा के साथ बेहतर सुविधाएं देने की कोशिश करता है. इसी कड़ी में स्‍टेशनों में खड़ी ट्रेन के गेट प्‍लेटफार्म की उल्‍टी दिशा में न खुले हों, यह जिम्‍मेदारी भी रेलवे ने तय कर रखी है. सामान्‍य तौर पर जिस स्‍टेशन से ट्रेन चलती है, वहां पर उल्‍टी दिशा के गेट खुले होने की ज्‍यादा संभावना होती है. चोर-छपटमार घटना को अंजाम देने के बाद उल्‍टी दिशा से आसानी से भाग सकते हैं.

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क्‍या कहता है रेल मैन्‍युअल

रेल मैन्‍युअल के अनुसार ट्रेन के प्‍लेटफार्म पर उल्‍टी दिशा के खुले गेटों को बंद करने की ड्यूटी संबंधित कोच के टीटी की है. एक टीटी के पास तीन कोच होते हैं, उसे प्रत्‍येक कोच जाकर गेट करना चाहिए.

अगर टीटी लापरवाही बरते तो यहां करें शिकायत

ट्रेन में सफर के दौरान टीटी आपको स्‍टेशन संबंधी जानकारी नहीं दे रहा है तो 139 पर शिकायत कर सकते हैं. अपने मोबाइल से एसएमएस के जरिए शिकायत दर्ज कराना चाहते हैं, तो 91-9717680982 पर शिकायत भेज सकते हैं. यात्री सेवा संबंधी शिकायत @RailMinIndia पर ट्वीट कर सकता है. रेल मदद ऐप से भी शिकायत कर सकते हैं.

रोजाना 10 हजार से अधिक ट्रेनों का संचालन

मौजूदा समय रोजाना 10 हजार से अधिक ट्रेनों से करीब दो करोड़ यात्री सफर करते हैं. इनमें प्रीमियम, मेल और एक्‍सप्रेस मिलकर 2122 ट्रेनें शामिल हैं. इसके अलावा मेल, पैसेंजर ट्रेनें भी हैं.

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