जिस प्लेटफॉर्म को पाने के लिए तरसते हैं लोग…बिछड़ने के डर से भाइयों ने ठुकराया इंडियन आइडल

रिपोर्ट- अंकुर सैनी

सहारनपुर: सहारनपुर के रहने वाले दो भाई लव और कुश जो कि भक्ति संगीत में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. छोटी सी उम्र से गाना शुरू किया और आज दोनों भाई गीत और भजन गाकर लोगों को थिरकने पर मजबूर कर देते हैं. आपको बता दें कि सहारनपुर के हकीकत नगर के रहने वाले स्वर्गीय अश्वनी गुलाटी के दो बेटे अभिषेक और आशीष गुलाटी (लव और कुश) जिन्होंने बचपन से ही अपनी मां वर्षा गुलाटी जो कि संगीत की शिक्षा ले चुकी हैं, उनसे संगीत सीखना शुरू किया.

संगीत की शुरुआत पहली बार एक ऐसे मोड़ पर हुई जब किसी ने भी नहीं सोचा था कि बिना तैयारी के ही स्टेज पर परफॉर्म करना पड़ेगा और जागरण में मां के भजन गाने शुरू कर दिए. इसके बाद मां और पिता के सहयोग से दोनों भाइयों ने काफी भजन गीत गए जिसमें से कुछ गाने सुपरहिट हुए. धीरे-धीरे आगे बढ़ते चले गए और 2016 में इंडियन आइडल मंच मिला जिसमें दोनों भाइयों की काबिलियत को देखते हुए डायरेक्ट जजेस राउंड में परफॉर्म करने का मौका मिला.

अब आगे सिर्फ एक को ही जाना था तो दोनों भाइयों ने फैसला किया की आगे बढ़ाना है तो दोनों साथ जाएंगे नहीं तो परफॉर्म नहीं करेंगे. दोनों भाइयों ने सलाह मशवरा किया और इंडियन आइडल मंच को छोड़कर वापस आ गए.

मेहनत लाई रंग
दोनों भाइयों ने मेहनत की और अपने कई सुपरहिट गानों को मार्केट में लॉन्च किया जिसमें माँ तेरा प्यार, मेरी बिगड़ी बना दे साईं, तूम्बा जोगी दा, शेरावाली ने मौजा लाइया, दीवानी श्याम की एल्बम के गाने लोगों को काफी पसंद आए, दोनों भाइयों को जहां पर भी मंच मिलता दोनों इकट्ठा साझा करते. दोनों भाई परफॉर्म करने के लिए जालंधर रामनवमी कार्यक्रम में गए हुए थे जहां पर एक बड़ी शख्सियत ने उनके गाने को सुना और अभिषेक गुलाटी और आशीष गुलाटी का नाम लव और कुश रख दिया. तभी से ही दोनों भाइयों को लव-कुश के नाम से जाना जाने लगा और आज दोनों भाई एक दूसरे का हाथ पकड़ संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं.

जब कुछ बड़ा करने का समय आया तो पिताजी को हार्ट अटैक आ गया और उनका साथ छूट गया. इस दौरान दोनों भाइयों लव और कुश को जट एंड जूलियट 3 में अपना गाना देना था लेकिन, दोनों भाइयों ने हार नहीं मानी और आज बड़े-बड़े मंच पर भक्ति गीतों से लाखों लोगों को अपना दीवाना बना रहे हैं.

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