Income Tax के कारण कम मिल रहा पैसा तो अपनाएं ये तरीका, 1 लाख तक बढ़ जाएगी टेक होम सैलरी

नई दिल्ली. कई कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर टैक्स बचाने में सक्षम नहीं होती है और ऐसे में उनके इन-हैंड सैलरी कम हो जाती है. प्लक्सी इंडिया के एक नए स्टडी के मुताबिक, भारत में 40 फीसदी कंपनियों में सैलरी स्ट्रक्चर टैक्स बचाने में सक्षम नहीं हैं. इससे कर्मचारियों के लिए टेक होम सैलरी कम हो जाती है. यह स्टडी 97 कंपनियों के अलग-अलग विभागों को 16 हजार से ज्यादा एग्जीक्यूटिव के ईमेल रिस्पॉन्स पर आधारित है. ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्लक्सी इंडिया स्टडी से पता चलता है कि बेनिफिट पैकेजों को ऑप्टिमाइज करने से कर्मचारियों के एनुअल सैलरी में लगभग 1 लाख रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है.

इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, वेतनभोगी कर्मचारी अपने ऑफिशियल ड्यूटी के पालन से संबंधित स्पेसिफिक पर्पस पर खर्च करने पर कुछ टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं. स्टडी में यह भी पाया गया कि लगभग 75 फीसदी कंपनियों का मानना ​​है कि उनके कर्मचारी ज्यादा इन-हैंड सैलरी चाहते हैं लेकिन टैक्स-सेविंग के बारे में जागरूकता की कमी है.

एम्पलाई बेनिफिट्स से बढ़ाएं एनुअल टेक होम सैलरी
स्टडी में पाया गया कि 56 फीसदी कंपनियों को इस बात की जानकारी होने के बावजूद कि एम्पलाई बेनिफिट्स के माध्यम से अपना एनुअल टेक होम सैलरी बढ़ा सकते हैं, उनमें से 45 फीसदी औसतन केवल 2 एम्पलाई बेनिफिट प्रदान करते हैं. स्टडी से पता चलता है कि पार्टिसिपेटिंग कंपनियों द्वारा दिए जाने वाले सबसे आम एम्पलाई बेनिफिट मील कार्ड (86%), लीव ट्रैवल अलाउंस यानी LTA (54%), और फ्यूल और ड्राइवर सैलरी (38%) हैं.

प्लक्सी इंडिया के चीफ एग्जीक्यूटिव अनीश सरकार ने कहा, “कंपनियां काम्पन्सेशन को समान स्तर तक बढ़ाए बिना टेक होम सैलरी बढ़ाने पर विचार कर रही हैं. वे हाइब्रिड वर्क माहौल में स्पेसिफिक कर्मचारी की जरूरतों को एड्रेस करना चाहते हैं या हेल्थ और वेलनेस पर केंद्रित कंपनियों के रूप में देखा जाना चाहते हैं.”

एक साथ कई बेनिफिट देने के लिए रीस्ट्रक्चरिंग
सरकार ने आगे बताया, “कई कंपनियां विशेष रूप से स्टार्टअप और जो आगे बढ़ रही हैं, अब एक साथ कई बेनिफिट देने के लिए रीस्ट्रक्चरिंग कर रही हैं. यह अप्रोच कर्मचारियों को ज्यादा वैल्यू हासिल करने की अनुमति देता है, जो कॉस्ट में बढ़ोतरी किए बिना उनके टेक होम सैलरी को बढ़ा सकता है. कई प्रकार के बेनिफिट्स की पेशकश करके कंपनियां कॉस्ट को मैनेज करते हुए अपने कर्मचारियों को ज्यादा वैल्यू प्रदान करना चाहती हैं.”

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