एक दिन में शेयर खरीदो-बेचो और कमाओ, पैसा डूबा रही ये सोच, जानिए क्यों

हाइलाइट्स

SEBI ने इक्विटी कैश सेगमेंट को लेकर हुई एक स्टडी पर रिपोर्ट जारी की.10 में से सात इंट्राडे कारोबारियों को वित्त वर्ष 2022-23 में घाटा उठाना पड़ा.शेयर की खरीद और बिक्री एक ही कारोबारी दिन में पूरी करने को ‘इंट्राडे’ ट्रेडिंग कहा जाता है.

नई दिल्ली. भारतीय शेयर बाजार में लगातार तेजी पिछले 3-4 सालों से लगातार बड़ी तेजी देखने को मिल रही है. हैरानी की बात है कि 70 फीसदी से ज्यादा निवेशक नुकसान में हैं. पहले फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग पर शेयर बाजार नियामक संस्था SEBI ने अपनी रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें बताया गया था कि 10 में से 9 F&O ट्रेडर भारी नुकसान उठाते हैं. अब सेबी ने इक्विटी कैश सेगमेंट पर अपने अध्ययन को लेकर एक रिपोर्ट जारी की. सेबी की इस स्टडी से पता चला है कि इक्विटी कैश सेगमेंट में 10 में से सात इंट्राडे कारोबारियों को वित्त वर्ष 2022-23 में घाटा उठाना पड़ा. दरअसल शेयर बाजार में शेयर की खरीद और बिक्री एक ही कारोबारी दिन में पूरी करने को ‘इंट्राडे’ ट्रेडिंग कहा जाता है. इसमें रोजाना शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं.

सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने बुधवार को अपनी यह स्टडी रिपोर्ट जारी की. इसके मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में 2022-23 के दौरान इक्विटी कैश सेगमेंट में इंट्राडे कारोबार करने वाले लोगों की संख्या 300 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई है.

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30 साल के युवा ट्रेडर्स बढ़े

इस स्टडी का एक दिलचस्प पहलू यह है कि मुनाफे में रहने वाले कारोबारियों की तुलना में घाटे में चलने वालों ने औसतन कहीं अधिक संख्या में सौदे किए. इसके अलावा 30 वर्ष से कम आयु के युवा इंट्राडे कारोबारियों की हिस्सेदारी इस अवधि में काफी बढ़ गई.

सेबी ने इक्विटी कैश सेगमेंट में व्यक्तिगत इंट्राडे कारोबार में भागीदारी और लाभ व हानि के रुझानों के विश्लेषण के लिए यह अध्ययन किया है. इसमें कोविड महामारी से पहले और बाद के रुझानों का तुलनात्मक विश्लेषण करने के लिए वित्त वर्ष 2018-19, वित्त वर्ष 2021-22 और वित्त वर्ष 2022-23 की अवधि को लिया गया.

ब्रोकिंग फर्म्स के सैंपल पर सर्वे

वित्त वर्ष 2022-23 में इक्विटी कैश सेगमेंट में ग्राहकों की संख्या का लगभग 86 प्रतिशत हिस्सा रखने वाली शीर्ष-10 ब्रोकिंग फर्मों के कस्टमर्स के सैंपल पर यह अध्ययन किया गया है. सेबी ने अपने अध्ययन में पाया कि इक्विटी कैश सेगमेंट में कारोबार करने वाले हर 3 में से एक व्यक्ति इंट्राडे ट्रेडिंग करता है. इसके अलावा, 30 वर्ष से कम आयु के युवा इंट्राडे कारोबारियों की हिस्सेदारी 2022-23 में बढ़कर 48 प्रतिशत हो गई जबकि 2018-19 में यह अनुपात 18 प्रतिशत था.

अध्ययन के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में इक्विटी कैश सेगमेंट में 10 में से सात व्यक्तिगत इंट्राडे कारोबारियों यानी 71 प्रतिशत को शुद्ध घाटा उठाना पड़ा. इसके अलावा बहुत बार (एक वर्ष में 500 से अधिक सौदे) कारोबार करने वाले कारोबारियों में से 80 प्रतिशत घाटे में रहे.

इन कारोबारियों ने अपने कारोबारी घाटे का अतिरिक्त 57 प्रतिशत सौदा लागत के रूप में खर्च किया जबकि लाभ कमाने वालों ने अपने ट्रेडिंग मुनाफे का 19 प्रतिशत ट्रेडिंग लागत के रूप में खर्च किया. इसके अलावा, अन्य आयु समूहों की तुलना में 2022-23 के दौरान युवा कारोबारियों के बीच घाटे में रहने वालों का प्रतिशत 76 प्रतिशत था.

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