Hindenburg Row: अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार (10 अगस्त) को एक और रिपोर्ट जारी की है, जिसके बाद से हड़कंप मच गया है. हिंडनबर्ग रिसर्च के ताजा आरोपों पर मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने पहली बार रविवार (11 अगस्त) को प्रतिक्रिया दी है.
सेबी ने कहा कि उसने अडानी ग्रुप के खिलाफ सभी आरोपों की जांच की है. मार्केट रेगुलेटर ने बयान में कहा कि उसकी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने समय-समय पर संबंधित जानकारी दी और संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग रखा.
अंतिम जांच अब पूरी होने वाली है
मार्केट रेगुलेटर ने कहा कि उसने अडानी के खिलाफ हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों की विधिवत जांच की है. उसकी 26 जांचों में से अंतिम जांच अब पूरी होने वाली है.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में क्या आरोप लगाया गया
हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि उसे संदेह है कि अडानी ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई करने में सेबी की अनिच्छा का कारण यह हो सकता है कि बुच की अडानी ग्रुप से जुड़े विदेशी फंडों में हिस्सेदारी थी.
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आरोपों पर क्या बोलीं सेबी चीफ
बता दें कि माधबी पुरी बुच और धवल बुच ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने कहा, ‘‘रिपोर्ट में लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार और बेबुनियाद हैं. इनमें जरा भी सच्चाई नहीं है. हमारा जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब की तरह है. सभी आवश्यक खुलासे पहले ही वर्षों से सेबी को किए जा चुके हैं. हमें किसी भी वित्तीय दस्तावेज का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है…..’’
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FIRST PUBLISHED : August 11, 2024, 20:56 IST