Stock Market Outlook: कैसा होगा अगले हफ्ते मार्केट का मूड, गिरेगा या चढ़ेगा शेयर बाजार? जानिए एक्सपर्ट्स की राय

नई दिल्ली. शेयर बाजार के लिए बीता हफ्ता काफी नुकसान वाला रहा. वहीं, एनालिस्ट्स के मुताबिक, 7 अक्टूबर से शुरू होने वाले हफ्ते में शेयर बाजारों की दिशा आरबीआई (RBI) के ब्याज दर पर फैसले, पश्चिम एशिया के तनाव और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की गतिविधियों से तय होगी. इसके अलावा आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के तिमाही नतीजे, घरेलू मैक्रो इकोनॉमिक डेटा और ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम भी बाजार को दिशा देंगे.

पिछले हफ्ते पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने और विदेशी फंड की निकासी से शेयर बाजार में भारी गिरावट आई थी. स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट प्रवेश गौड़ ने कहा, ‘‘घरेलू मोर्चे पर सभी की निगाह आरबीआई एमपीसी की बैठक पर रहेगी. एमपीसी की बैठक 7 अक्टूबर को शुरू होगी. 3 दिन की बैठक के नतीजों की घोषणा बुधवार यानी 9 अक्टूबर को की जाएगी.’’

आने शुरू हो जाएंगे तिमाही नतीजे
गौड़ ने कहा कि कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजों का सत्र टीसीएस के साथ शुरू हो रहा है. उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर लिक्विडिटी की स्थिति मजबूत बनी हुई है. ऐसे में हायर वैल्यूएशन वाले क्षेत्रों से कैश का फ्लो आकर्षक वैल्यूएशन वाले क्षेत्रों की ओर हो सकता है. इसके अलावा जिंस कीमतें, अमेरिकी डॉलर इंडेक्स और अमेरिका के महत्वपूर्ण मैक्रो डेटा भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे.

5 दिन में निवेशकों के 16.26 लाख करोड़ रुपये स्वाहा
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 3,883.4 अंक या 4.53 फीसदी नीचे आया. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 1,164.35 अंक या 4.44 फीसदी का नुकसान रहा. शेयर बाजार में भारी गिरावट के बीच 5 दिन में निवेशकों की पूंजी 16.26 लाख करोड़ रुपये घट गई.

इन डेटा पर रहेगी निवेशकों की नजर
मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड की डायरेक्टर पल्का अरोड़ा चोपड़ा ने कहा, ‘‘बाजार का ट्रेंड प्रमुख घरेलू और ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा पर निर्भर करेगा. हफ्ते के दौरान आरबीआई का ब्याज दर पर फैसला आना है. इसके अलावा इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के डेटा भी आएंगे. साथ ही अमेरिका में फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक का ब्योरा, बेरोजगारी डेटा और अमेरिका के जीडीपी डेटा भी आने हैं.’’

RBI MPC पर भी रहेगी नजर
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘निवेशकों की निगाह जियो-पॉलिटिकल घटनाक्रम और कच्चे तेल की कीमतों पर इसके प्रभाव पर रहेगी. विदेशी फंड के फ्लो के अलावा घरेलू फ्लो भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगा. घरेलू मोर्चे पर सभी की निगाह एमपीसी की बैठक पर है. इस बैठक के नतीजों की घोषणा 9 अक्टूबर को होगी.’’

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