नई दिल्ली. देश में छोटे निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) तेजी से पॉपुलर हुआ है. इसकी वजह ट्रेडिशनल निवेश माध्यमों के मुकाबले मिलने वाला ज्यादा रिटर्न और छोटी रकम से निवेश की शुरुआत है. अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश के बारे में सोच रहे हैं, तो आप सोच रहे होंगे कि सही फंड कैसे चुनें? इतने सारे ऑप्शन उपलब्ध होने के कारण सही विकल्प चुनना कुछ हद तक मेनू से भोजन चुनने जैसा महसूस हो सकता है.
म्यूचुअल फंड रिटर्न को मैक्सिमाइज करने का एक स्मार्ट तरीका हो सकता है, लेकिन सही फंड का चयन करना एक मजबूत पोर्टफोलियो बनाने की कुंजी है. चाहे आप पहली बार निवेशक हों या कोई डायवर्सिफाई लाने की सोच रहे हों, फैसला लेने से पहले आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए.
म्यूचुअल फंड चुनते समय ध्यान रखें ये फैक्टर्स
लॉन्ग-टर्म परफॉर्मेंस – सबसे पहले जांचने वाली बात यह है कि फंड का प्रदर्शन लॉन्ग पीरियड में कैसा रहा है. एक फंड प्रभावशाली शॉर्ट-टर्म गेन दिखा सकता है, लेकिन अलग-अलग मार्केट साइकिल के दौरान इसका प्रदर्शन कैसा रहा है? पिछले 5 से 7 सालों के रिटर्न को देखें, न कि केवल हालिया डेटा को. इससे आपको फंड की स्थिरता की साफ तस्वीर मिलेगी और आप शॉर्ट-टर्म गेन से गुमराह होने से बचेंगे.
कैटेगरी के दूसरे फंड के साथ तुलना करें – केवल यह मायने नहीं रखता है कि फंड अपने आप में कैसा प्रदर्शन कर रहा है. उसी कैटेगरी के अन्य फंडों के साथ इसकी तुलना करना भी महत्वपूर्ण है. उदाहरण के लिए, अगर आप लार्ज-कैप फंड देख रहे हैं, तो इसकी तुलना दूसरे लार्ज-कैप फंडों से करें और देखें कि समय के साथ यह कैसा प्रदर्शन कर रहा है.
फंड मैनेजमेंट टीम की स्टेबलिटी – फंड को मैनेज करने वाले लोग इसके प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं. अगर टीम बार-बार बदलती है, तो फंड मैनेजमेंट स्टाइल भी बदल सकती है.
अंडर परफॉर्मेंस का आकलन करें – कभी-कभी फंड स्पेसिफिक निवेश फैसले या बाजार की स्थितियों के कारण खराब प्रदर्शन करते हैं. तिमाही या साल में खराब पदर्शन करने वाले फंड को खारिज करने से पहले, यह समझने की कोशिश करें कि इसने खराब प्रदर्शन क्यों किया.
असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) – विचार करने के लिए एक और फैक्टर फंड का साइज है, जिसे इसके असेट अंडर मैनेजमेंट यानी एयूएम द्वारा मापा जाता है. बड़े फंड ज्यादा स्टेबल होते हैं और उनमें बेहतर लिक्विडिटी होती है. बाजार में अस्थिरता के समय हाई एयूएम वाला फंड रखने से यह फायदा होता है कि आप फंड की स्टेबलिटी को प्रभावित किए बिना अपने निवेश को ज्यादा आसानी से निकाल सकते हैं.
(Disclaimer: म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिम के अधीन है. यदि आप इनमें से किसी में भी पैसा लगाना चाहते हैं तो पहले सर्टिफाइड इनवेस्टमेंट एडवायजर से परामर्श कर लें. आपके किसी भी तरह की लाभ या हानि के लिए लिए News18 जिम्मेदार नहीं होगा.)
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FIRST PUBLISHED : September 7, 2024, 20:24 IST