इस साल लिस्ट हुए आधे शेयर इश्यू प्राइस से नीचे चले गए हैं. कुछ शेयरों में तो 25 से 40 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है. साल 2024 में अब तक 75 आईपीओ शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुए हैं.
नई दिल्ली. साल 2024 आईपीओ के जरिए जुटाई गई धनराशि के मामले में भले ही ऐतिहासिक साबित हो जाए, लेकिन रिटर्न के मामले में अब तक फिसड्डी ही साबित हुआ है. साल 2024 में सूचीबद्ध हुए 40% शेयर इस समय अपने इश्यू प्राइस से नीचे ट्रेड कर रहे हैं. यानी इन आईपीओ में पैसा लगाने वाले निवेशक अब घाटे में ही हैं. इस साल बाजार में लिस्ट हुईं दो दर्जन से अधिक कंपनियों के शेयरों में अक्टूबर के बाद अच्छी-भली गिरावट आई है. इनमें से कई कंपनियों ने लिस्टिंग के दिन शानदार रिटर्न दिया था, लेकिन अब वे अपने इश्यू प्राइस से नीचे पहुंच चुकी हैं.
2024 में अब तक 75 कंपनियों ने आईपीओ के जरिए 1.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जुटाई है. सितंबर 2024 में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद भारतीय शेयर बाजार में तेज गिरावट देखने को मिली है. सेंसेक्स और निफ्टी ने 10% से अधिक की गिरावट दर्ज की है, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 8-9% की गिरावट आई है. अमेरिका में बढ़ते 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड के कारण एफपीआई ने भारतीय बाजार से निवेश निकालना शुरू कर दिया है, जिससे आईपीओ की लिस्टिंग पर होने वाले लाभ और ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) कम हो गए हैं.
घाटे में निवेशक
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पॉपुलर व्हिकल्स एंड सर्विसेज का शेयर इश्यू प्राइस से 46% नीचे ट्रेड कर रहा है. कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक का शेयर 38 फीसदी तो एकमे फिनट्रेड इंडिया शेयर इश्यू प्राइस से 32 फीसदी नीचे कारोबार कर रहा है. वेस्टर्न कैरियर्स का शेयर 31 फीसदी, आरके स्वामी 29 फीसदी और दीपक बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स इंडिया का शेयर इश्यू प्राइस से 26 फीसदी नीचे कारोबार कर रहा है. इसी तरह सरस्वती साड़ी डिपो का शेयर अपने इश्यू प्राइस से 25 फीसदी टूट गया है.
ईसीओएस इंडिया मोबिलिटी एंड हॉस्पिटैलिटी शेयर ने लिस्टिंग के दिन 33% की बढ़त दर्ज की थी, लेकिन अब यह इश्यू प्राइस से 1% नीचे ट्रेड कर रहा है. इसी तरह इस साल लिस्ट होने वाला एपीजे सुरेंद्रा पार्कट होटल्स का शेयर इश्यू प्राइस से 4% तो ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी 25% नीचे ट्रेड कर रहा है. नॉर्थर्न एआरसी कैपिटल 10 इश्यू प्राइस से 10 फीसदी नीचे ट्रेड कर रहा है.
क्यों आ रही गिरावट
SAMCO Securities के मार्केट रिसर्च हेड अपूर्व शेट का कहना है कि प्राइमरी मार्केट का प्रदर्शन सेकंडरी मार्केट से काफी हद तक जुड़ा हुआ है. आईपीओ की आक्रामक कीमतें, कम होते लिस्टिंग लाभ और बाजार की गिरावट के कारण निवेशकों का विश्वास कमजोर हुआ है. मेहता इक्विटीज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रशांत तापसे का मानना है कि वर्तमान बाजार परिस्थितियों में निवेशक नुकसान के डर से दूर हो रहे हैं. सेकंडरी मार्केट में गिरावट के कारण प्राइमरी मार्केट में मांग और सब्सक्रिप्शन कम हो रहे हैं. इसके परिणामस्वरूप निवेशकों को लिस्टिंग के दिन उम्मीद से कम रिटर्न मिल रहा है.
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FIRST PUBLISHED : November 26, 2024, 12:37 IST