नई दिल्ली. यह महीना शेयर बाजार के लिए काफी निराशाजनक रहा है. अक्टूबर में सेंसेक्स और निफ्टी ने बेहद खराब प्रदर्शन किया. एनएसई के प्रमुख सूचकांक निफ्टी 50 का परफॉर्मेंस इस महीने 5 साल के सबसे निचले स्तर पर रहा. अक्टूबर में 5 साल में पहली बार निफ्टी 6 फीसदी से ज्यादा टूट गया. सितंबर में आखिर में निफ्टी 50 तेज बढ़त के साथ अपने ऑल टाइम हाई 26,277 पॉइंट्स पर पहुंच गया था.
तब से अब तक यह सूचकांक 2000 अंक से ज्यादा फिसल चुका है. इस गिरावट का प्रमुख कारण विदेशी निवेशकों की बिकवाली रही है. कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों ने निवेशकों के भरोसे पर चोट की है. अक्टूबर में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से करीब 1 लाख करोड़ रुपये निकाल लिए हैं. यह 2020 के मार्च में हुई बिकवाली से भी ज्यादा है. बता दें कि तब कोविड-19 महामारी की शुरुआत हुई थी. तब निफ्टी 50 में 23 फीसदी की गिरावट थी.
आज कैसी है निफ्टी की चाल
31 अक्टूबर को भी निफ्टी में गिरावट ही दिख रही है. खबर लिखे जाने तक 50 में से 37 स्टॉक लाल निशान में ट्रेड कर रहे हैं. वहीं, 13 शेयरों में बढ़त दिख रही है. सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयरों में टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, श्रीराम फाइनेंस, टीसीएस और विप्रो शामिल हैं. वहीं, सिप्ला, हीरो मोटोकॉर्प औ डॉ. रेड्डी जैसे स्टॉक्स में सर्वाधिक बढ़त दिख रही है.
क्या है जानकारों की राय?
मनीकंट्रोल ने सिटी की एक रिपोर्ट के हवाले से लिखा है कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली का असर अभी बाजार पर दिख रहा है. उनका कहना है कि कंपनियों का वैल्यूएशन अपने पीक से नीचे आ गया है लेकिन अब भी लॉन्ग टर्म एवरेज से ऊपर ही है. रिपोर्ट के अनुसार, शेयरों में तेजी आने के लिए जरूरी है कि कंपनियों के तिमाही नतीजे बहुत मजबूत आएं. अगर ऐसा नहीं होता है तो विदेशी निवेशक इंडियन मार्केट में संभवत: निवेश करने में थोड़ा संकोच करेंगे.
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FIRST PUBLISHED : October 31, 2024, 14:14 IST