नई दिल्ली. भारतीय शेयर बाजार आज लगातार तीसरे सत्र में गिरावट के साथ बंद हुआ. निफ्टी 24,750 पर और सेंसेक्स 495 अंक की गिरावट के साथ 81,006.61 पर बंद हुआ. ऑटो, मीडिया और रियल एस्टेट सेक्टर में भारी गिरावट देखने को मिली, जबकि आईटी सेक्टर ने मजबूती दिखाई.
सेंसेक्स में आज 495 अंकों की गिरावट दिखी और ये 81006 के स्तर पर बंद हुआ. दूसरी ओर निफ्टी भी 221 अंक गिरकर 24,750 के स्तर पर बंद हुआ है. बीएसई और एनएसई के अधिकांस इंडेक्स आज गिरावट के साथ ही बंद हुए हैं. गिरावट के चलते बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप आज 6 लाख करोड़ रुपये गिर गया. आइए जानते हैं आज बाजार का हाल कैसा रहा.
प्रमुख इंडेक्स की स्थिति
इंडेक्स | कीमतें | बदलाव | बदलाव (%) |
---|---|---|---|
सेंसेक्स | 81,006.61 | -494.75 | -0.61% |
निफ्टी 50 | 24,749.85 | -221.45 | -0.89% |
निफ्टी बैंक | 51,288.80 | -512.25 | -0.99% |
बाजार की प्रमुख जानकारी
आज के कारोबार में निफ्टी के सबसे बड़े गिरने वाले शेयरों में बजाज ऑटो, श्रीराम फाइनेंस, हीरो मोटोकॉर्प, नेस्ले और एमएंडएम शामिल रहे, जबकि प्रमुख बढ़त दर्ज करने वाले शेयरों में टेक महिंद्रा, इंफोसिस, एलएंडटी, पावर ग्रिड कॉर्प और एसबीआई रहे.
सेक्टोरल स्थिति
आईटी सेक्टर के इंडेक्स में 1% की बढ़त दर्ज की गई, लेकिन अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में रहे. खासकर ऑटो, मीडिया और रियल एस्टेट सेक्टर में 2-3% की गिरावट देखी गई. बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी 1% से अधिक की गिरावट रही.
सबसे बड़ा बढ़त वाला शेयर:
शेयर | कीमत | बदलाव | बदलाव (%) |
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इंफोसिस | 1,968.10 | +48.00 | +2.50% |
सबसे बड़ा गिरावट वाला शेयर:
शेयर | कीमत | बदलाव | बदलाव (%) |
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बजाज ऑटो | 10,119.45 | -1,497.50 | -12.89% |
सर्वश्रेष्ठ और सबसे कमजोर सेक्टर:
सेक्टर | कीमत | बदलाव | बदलाव (%) |
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सर्वश्रेष्ठ: निफ्टी आईटी | 42,734.30 | +503.60 | +1.19% |
सबसे कमजोर: निफ्टी ऑटो | 24,991.20 | -917.80 | -3.54% |
रुपया स्थिति
17 अक्टूबर को भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 8 पैसे की गिरावट के साथ 84.07 पर बंद हुआ, जबकि बुधवार को यह 83.99 पर था. शेयर बाजार में आज कुल 1199 शेयरों में बढ़त रही, जबकि 2580 शेयरों में गिरावट आई और 101 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ.
क्यों आई गिरावट?
मनीकंट्रोल ने इस गिरावट के 4 प्रमुख कारण बताए हैं. विदेशी निवेशकों द्वारा भारी बिकवाली, कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे, महंगाई दर में तेजी और बाजार को मिलने वाले किसी नए ट्रिगर की कमी वह 4 कारण हैं.