बाजार पर हावी हुआ ‘भालू’, खा गया 9 लाख करोड़! ये है गिरावट की सबसे बड़ी वजह

नई दिल्ली. आज शेयर बाजार में एक बार फिर तेज गिरावट देखने को मिली है. सेंसेक्स और निफ्टी 1 फीसदी से ज्यादा टूटकर बंद हुए हैं. सेंसेक्स जहां 1.15 फीसदी की गिरावट के साथ 80,220 के स्तर पर बंद हुआ तो वहीं निफ्टी 1.19 फीसदी लुढ़ककर 24,486 के स्तर पर पहुंच गया. बाजार में तेज गिरावट की सबसे बड़ी वजह कंपनियों की दूसरी तिमाही के नतीजों को माना जा रहा है. खराब नतीजे बाजार को नीचे की ओर खींच रहे हैं.

बाजार में हुई इस गिरावट के कारण बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 453 लाख करोड़ रुपये से गिरकर करीब 444 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. यानी एक दिन में निवेशकों की पूंजी में लगभग 9 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई.

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सबसे खराब प्रदर्शन
निफ्टी पर आज सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले 5 शेयरों में भारत इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (BEL) 3.79 फीसदी की गिरावट के साथ शीर्ष पर रहा. इसके बाद महिंद्रा एंड महिंद्रा (3.63), अडानी एंटरप्राइजेज (3.29), कोल इंडिया (3.29) और एसबीआईएन (2.92) शीर्ष 5 में शामिल रहे. आज कोई भी सेक्टर हरे निशान में बंद नहीं हुआ है.

गिरावट के प्रमुख कारण
गिरावट के सबसे बड़ी वजहों में से पहली वजह दूसरी तिमाही के खराब नतीजों को माना जा रहा है. सितंबर तिमाही के नतीजों की बात करें तो कोटक महिंद्रा की आय में 1.46 फीसदी की गिरावट आई, टेक महिंद्रा का रेवेन्यू 0.27 फीसदी घटा, और एचडीएफसी बैंक की आय भी 0.82 फीसदी गिरी. हालांकि, इनके प्रॉफिट में इजाफा जरूर दिखा है. इस कारण के अलावा मध्य-पूर्व में जारी तनाव, एफपीआई भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं और यूएस में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में अनिश्चितता ने भी बाजार को पुरजोर नीचे खींचा है. इनके अलावा भारतीय स्टॉक्स का काफी दिन से चला आ रहा बहुत अधिक वैल्युएशन भी अब निवेशकों को परेशान करने लगा है.

क्या कर रहे एक्सपर्ट?
मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का कहना है- अक्टूबर में अब तक विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भारतीय शेयर बाजार से लगातार पैसे निकाल रहे हैं, जिससे घरेलू निवेशकों में अस्थिरता और चिंता का माहौल बन गया है. विदेशी निवेशक भारतीय शेयरों से पैसा निकालकर चीन जैसे अन्य सस्ते बाजारों में निवेश कर रहे हैं, खासकर वहां की सरकार द्वारा धीमी होती अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए घोषित किए गए प्रोत्साहन पैकेज के बाद. इस बिकवाली का असर सेक्टोरल स्टॉक्स के साथ-साथ स्मॉल कैप और मिड कैप स्टॉक्स पर भी पड़ा है. लगातार खरीदारी के चलते कई स्टॉक्स की वैल्यूएशन महंगी हो गई थी, और अब ये निवेशकों के लिए थोड़ी राहत की तरह है.

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