गिरते शेयर बाजार में क्या होनी चाहिए आपकी रणनीति, फॉलो कीजिए- नहीं सताएगा डर

नई दिल्ली. शेयर बाजार में गुरुवार (14 नवंबर) को लगातार 6ठे दिन गिरावट जारी रही. कारोबार के अंत में बीएसई सेंसेक्स 110.64 अंक यानी 0.14 फीसदी की गिरावट के साथ 77,580.31 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं एनएसई निफ्टी 29.20 अंक यानी 0.11 फीसदी की गिरावट के साथ 23,532.70 के स्तर पर बंद हुआ.

एक महीने में निफ्टी 27 सितंबर के अपने ऑल टाइम हाई 26,277 से 10 फीसदी तक नीचे आ गया है. घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) भारत की ग्रोथ स्टोरी पर विश्वास बनाए हुए हैं. वहीं, सितंबर में निफ्टी के शिखर पर पहुंचने के बाद से विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भारतीय शेयरों से पीछे हट रहे हैं. इस ट्रेंड का कारण चीन के बाजार का आकर्षण है, जहां कम वैल्यूएशन और प्रोत्साहन उपायों ने दुनिया भर के निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है.

मिंट से बातचीत में एक्सिस सिक्योरिटीज के फंडामेंटल और क्वांटिटेटिव रिसर्च के हेड नीरज चड्डावर ने कुछ रणनीतिक सुझाव शेयर किए हैं जो निवेशकों को बाजार की उतार-चढ़ाव को मैनेज करने में मदद कर सकते हैं. अस्थिरता को मैनेज करने और लॉन्ग टर्म गेन को मैक्सिमम करने के लिए चड्डावर ने 4  निवेश रणनीतियों का उल्लेख किया है:

सिस्टमैटिक निवेश करें और लॉन्ग टर्म पर ध्यान दें
बाजार में गिरावट या उछाल की भविष्यवाणी करना लगभग असंभव है क्योंकि बाजार की सेंटीमेंट हमेशा बदलती रहती है. चड्डावर एकमुश्त निवेश के बजाय सिस्टमैटिक तरीके से निवेश करने की सलाह देते हैं. समय के साथ धीरे-धीरे पोर्टफोलियो बनाना अचानक बाजार बदलाव के असर को कम करने में मदद कर सकता है और लंबे समय में बेहतर परिणाम दे सकता है.

लक्ष्य निर्धारित करें और रिस्क मैनेजमेंट अपनाएं-
लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन के लिए साफ-साफ निवेश लक्ष्यों की दरूरत होती है. चड्डावर स्पेसिफिक शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म मकसदों को निर्धारित करने की सलाह देते हैं ताकि किसी की रिस्क प्रोफ़ाइल के आधार पर एसेट क्लास का उचित मिश्रण निर्धारित किया जा सके.

एसेट एलोकेशन का प्रैक्टिस करें-
इंडिविजुअल एसेट एलोकेशन से जुड़े रिस्क का मैनेजमेंट करने के लिए एक बैलेंस एसेट एलोकेशन रणनीति महत्वपूर्ण है. चड्डावर बताते हैं कि अलग-अलग एसेट प्रकारों में निवेश को डायवर्सिफाई बनाना बाजार में गिरावट के असर को कम करने और अचानक सुधार के दौरान पोर्टफोलियो को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है.

शांत रहें और घबराहट में बेचने से बचें-
बाजार में गिरावट अक्सर नकारात्मक समाचारों से प्रभावित होती है. ऐसे समय में शांत रहने की जरूरत है. गुणवत्ता वाले शेयरों के साथ एक डायवर्सिफाई पोर्टफोलियो के जरिए आप वोलैटिलिटी का ज्यादा सफलतापूर्वक सामना कर सकते हैं. घबराहट में बेचने की प्रवृत्ति से बचें.

Tags: Share market, Stock market

Source link