भारतीय शेयर बेच यहां पैसा लगा रहे हैं FPI, इस महीने 26,533 करोड़ रुपये निकाले

नई दिल्ली. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) द्वारा भारतीय शेयरों की बिकवाली का सिलसिला जारी है. नवंबर में अब तक एफपीआई ने 26,533 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए हैं. एफपीआई द्वारा की जा रही भारी बिकवाली के कारण ही भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से गिरावट आई है. हालांकि, शुक्रवार को एफपीआई की बिकवाली के बावजूद भी सेंसेक्‍स और निफ्टी में जोरदार तेजी आई. साल 2024 में अब तक एफपीआई ने 2.94 लाख रुपये की भारतीय इक्विटी बेची है. वहीं, दूसरी और घरेलू संस्‍थागत निवेशकों ने इस अवधि में 5.62 लाख करोड़ रुपये मूल्‍य के शेयर खरीदे हैं. विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकाल चीन के बाजार में डाल रहे हैं.

अक्टूबर में एफपीआई ने 94,017 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे, जबकि सितंबर में उन्होंने 57,724 करोड़ रुपये की डोमेस्टिक इक्विटी खरीदी थी. इस साल अगस्त में एफपीआई ने 7,322 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जो जुलाई के 32,359 करोड़ रुपये की खरीद से कम था. जून में एफपीआई 26,565 करोड़ रुपये के नेट बायर्स रहे, लेकिन अप्रैल और मई में उन्होंने क्रमशः 8,671 करोड़ रुपये और 25,586 करोड़ रुपये की बिकवाली की. फरवरी और मार्च में एफपीआई ने क्रमशः 1,539 करोड़ रुपये और 35,098 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. जनवरी में उन्होंने 25,744 करोड़ रुपये के शेयर बेचकर साल की शुरुआत नकारात्मक की थी.

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शुक्रवार को भी बेचे शेयर
शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 1,278.37 करोड़ रुपये के नेट सेलर्स रहे. इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) 1,722.15 करोड़ रुपये के नेट बायर्स के रूप में उभरे. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने एफपीआई की बिकवाली के तीन प्रमुख कारण बताए हैं. उनका कहना है कि पहला कारण ‘सेल इंडिया, बाय चाइना’ का रुझान है. हालांकि अब ये लगभग समाप्त हो चुका है. दूसरा, वित्त वर्ष 2025 की संभावित कॉर्पोरेट अर्निंग को लेकर चिंताएं हैं. तीसरा कारण ‘ट्रम्प बिजनेस’ का प्रभाव है, जो अमेरिका में उच्च मूल्यांकन के कारण अपने अंतिम चरण में है.

जल्‍द थमेगी बिकवाली
विजयकुमार ने उम्मीद जताई कि एफपीआई की बिकवाली जल्द ही थम सकती है क्योंकि लार्जकैप स्टॉक्स का मूल्यांकन पहले के ऊंचे स्तर से नीचे आ चुका है. उन्होंने यह भी बताया कि एफपीआई द्वारा आईटी शेयरों की खरीदारी ने इस सेक्टर में स्थिरता दी है. वहीं, बैंकिंग स्टॉक्स पर घरेलू निवेशकों (डीआईआई) की खरीदारी का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है.

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