हेलियोस कैपिटल के संस्थापक और फंड मैनेजर समीर अरोड़ा ने उठाए सवाल. समीर अरोड़ा का कहना है बहुत ज्यादा कैश रखकर बफेट इस बार गलती कर रहे हैं. अमेरिकी शेयर बाजार में तेजी का फायदा अब बफेट को नहीं मिल रहा है.
नई दिल्ली. बर्कशायर हैथवे के सीईओ और प्रख्यात निवेशक वॉरेन बफेट (Warren Buffett) ने हाल ही में ऐपल और बैंक ऑफ अमेरिका जैसी कुछ प्रमुख कंपनियों के शेयरों की बिक्री से एक विशाल नकदी भंडार तैयार किया है. मौजूदा समय में उनके पास लगभग 280 अरब डॉलर (लगभग 2216800 करोड़) नकदी है. बफेट की निवेश शैली हमेशा से रूढ़िवादी रही है. वे सही अवसर की प्रतीक्षा करते हैं और बाजार में गिरावट के दौरान बड़ी खरीदारी करते हैं. लेकिन अब कुछ लोगों का मानना है कि मौजूदा तेजी के दौर में यह रणनीति उनके लिए हानिकारक साबित हो सकती है. बफेट का यह रणनीतिक कदम उन्हें अमेरिकी शेयर बाजार की तेजी से मिलने वाले संभावित लाभ से वंचित कर रहा है.
हेलियोस कैपिटल के संस्थापक और फंड मैनेजर समीर अरोड़ा भी उन लोगों में शामिल है, जो बफेट के इतना बड़ा कैश रखने पर सवाल उठा रहे हैं. ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में अरोड़ा ने लिखा कि बाजार की मौजूदा रैली के दौरान बफेट द्वारा इतनी बड़ी नकदी को निवेश न करना उन्हें भारी नुकसान पहुंचा सकता है. अरोड़ा के अनुसार, बफेट लगभग 60 अरब डॉलर के संभावित लाभ से चूक सकते हैं, क्योंकि उन्होंने अपनी पूंजी को बाजार से बाहर रखा.
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बाजार में उछाल से बफेट के निर्णय पर सवाल
बफेट के पास नकदी ऐपल और बैंक ऑफ अमेरिका के शेयरों को के कारण बढी है. अरोड़ा का मानना है कि बफेट का सुरक्षित निवेश, जैसे ट्रेजरी बांड में, जो सालाना लगभग 5% का रिटर्न देता है, इस तेजी के दौर में एक सतर्कता भरा, लेकिन महंगा कदम साबित हो रहा है. सितंबर 2022 से सितंबर 2024 के बीच अमेरिकी शेयर बाजार में लगभग 50% की बढ़त देखी गई है. इसके विपरीत, बफेट की नकदी, जो कम जोखिम वाले निवेशों में है, इस अवधि के दौरान केवल 5% की वार्षिक दर से बढ़ रही है.
40 फीसदी संभावित रिटर्न से रहे वंचित
समीर अरोड़ा का अनुमान है कि बफेट ने लगभग 40% संभावित रिटर्न खो दिया है, जो 150 अरब डॉलर की नकदी पर होता. इस हिसाब से, यह करीब 60 अरब डॉलर के बराबर है. बफेट की निवेश शैली हमेशा से रूढ़िवादी रही है, जहां वे सही अवसर की प्रतीक्षा करते हैं और बाजार में गिरावट के दौरान बड़ी खरीदारी करते हैं.
20 फीसदी गिरे बाजार तो हो नुकसान की भरपाई
समीर अरोड़ा ने X पोस्ट में लिखा कि बफेट को अपने नकदी भंडार पर बैठे रहने के नुकसान की भरपाई तभी हो सकती है जब बाजार में कम से कम 20% की गिरावट आए. उन्होंने कहा कि बफेट की रणनीति तभी सफल मानी जाएगी जब बाजार लगभग 30% तक गिर जाए और उन्हें सस्ते दामों पर शेयर खरीदने का मौका मिले. अरोड़ा ने सवाल उठाया कि क्या बाजार में इतनी गिरावट का इंतजार करना समझदारी भरा कदम है, खासकर जब अमेरिकी बाजार लगातार बढ़ रहा है. उनके अनुसार, तेजी के इस दौर में इतनी बड़ी नकदी रखने से बफेट और बर्कशायर हैथवे को भविष्य में बाजार की गिरावट से मिलने वाले संभावित लाभ से अधिक नुकसान हो सकता है.
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FIRST PUBLISHED : September 23, 2024, 13:35 IST