Muhurat Trading: शेयर मार्केट में सभी ट्रेडर/निवेशक शुभ मुहूर्त में ट्रेडिंग जरूर करते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे क्या वजह है? क्या यह सिर्फ एक रिवायत है या इसके पीछे कुछ विज्ञान या अंधविश्वास जैसी कोई चीज छिपी हुई है? दरअसल, हर साल दिवाली के दिन शेयर बाजार में ‘मुहूर्त ट्रेडिंग’ एक परंपरा है. इस ट्रेडिंग के मौके को लाखों निवेशक और ट्रेडर शुभ मानते हैं. लेकिन इसके पीछे के बाज़ार के सेंटीमेंट और अंधविश्वास के ताने-बाने को समझना बहुत ज़रूरी है. तो चलिए समझते हैं-
मुहूर्त ट्रेडिंग का महत्व
मुहूर्त ट्रेडिंग दिवाली के दिन केवल एक घंटे के लिए होती है. भारतीय संस्कृति में यह समय अत्यंत शुभ माना जाता है और ट्रेडर/निवेशक इस समय अपने नए निवेश की शुरुआत करते हैं. यह ट्रेडर्स और निवेशकों के लिए एक तरह से नया साल ही होता है. इस दिन का ऐतिहासिक महत्व यह है कि इसे धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. ट्रेडर्स का मानना है कि इस समय किए गए निवेश भविष्य में उन्हें लाभ प्रदान करेंगे. यह परंपरा सालों से चली आ रही है, और आज भी निवेशक इसे शुभ मानकर ट्रेडिंग करते हैं.
मुहूर्त ट्रेडिंग के समय बाजार में एक विशेष प्रकार की सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह देखने को मिलता है. निवेशक अपनी ट्रेडिंग शुरू करने से पहले देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, ताकि उन्हें सफलता मिले. लेकिन क्या यह केवल आस्था तक सीमित है? नहीं, बल्कि इसका सीधा संबंध बाज़ार के सेंटीमेंट्स और निवेशकों के मनोविज्ञान से भी है. इस दिन की ट्रेडिंग केवल लाभ कमाने का जरिया नहीं, बल्कि आस्था और मनोविज्ञान का संगम है. बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद, निवेशक इस दिन सकारात्मक रहने की कोशिश करते हैं, जिससे बाज़ार में स्थिरता और भरोसा बढ़ता है.
अंधविश्वास और निवेश
मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान कई निवेशक खासतौर पर उन्हीं कंपनियों के शेयर खरीदते हैं, जो उनके अनुसार ‘शुभ’ हैं. इसके अलावा, कुछ लोग मानते हैं कि इस दिन किए गए छोटे निवेश भी बड़े मुनाफे में बदल सकते हैं. हालांकि, कुछ आर्थिक विशेषज्ञ इसे केवल एक मानसिकता और अंधविश्वास मानते हैं. वे कहते हैं कि निवेशकों को यह समझना चाहिए कि बाजार की वास्तविक स्थिति और फाइनेंशियल नॉलेज हमेशा अंधविश्वास से ज्यादा मायने रखती है. सही है कि अंधविश्वास के आधार पर निवेश करना एक जोखिम भरा कदम हो सकता है, लेकिन फिर भी, इस परंपरा की गहराई में आस्था और संस्कृति का बड़ा प्रभाव है.
मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा आज भी उतनी ही मजबूत है जितनी पहले थी. हालांकि, डिजिटल युग में नए निवेशक अंधविश्वास से ज्यादा डाटा और विश्लेषण पर ध्यान देने लगे हैं. फिर भी, इस ट्रेडिंग का सांस्कृतिक महत्व और इसके पीछे छिपी भावनाएं इसे आने वाले समय में भी जारी रखेंगी.
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FIRST PUBLISHED : November 1, 2024, 16:30 IST