नई दिल्ली. गुरुवार को महंगाई के राहतभरे आंकड़ों जारी हुए तो शेयर बाजार ने निवेशकों में भी जोश भर गया. लेकिन आज सुबह (शुक्रवार को) जब बाजार खुला तो शेयर मार्केट ने निवेशकों की उम्मीदों पर पानी फिर गया. बीएसई सेंसेक्स ने साढ़े 10 बजे तक लगभग 1000 अंकों का गोता लगा लिया, जबकि निफ्टी50 में भी 300 से अधिक अंकों की गिरावट आई.
शुक्रवार को सुबह 10:42 बजे तक निफ्टी50 1.34 फीसदी (329.25 अंक) गिरकर 24, 219.45 पर ट्रेड कर रहा था, जबकि सेंसेक्स में 1.35 फीसदी (1,099.91) अंकों की गिरावट के साथ 80,190.05 का स्तर दिखाया. 80 हजार के साइकोलॉजिकल लेवल पर सेंसेक्स का अच्छा सपोर्ट माना जा रहा है.
क्यों गिरा शेयर बाजार? ये हैं कारण
शेयर बाजार में आज की बड़ी गिरावट के पीछे एक्सपर्ट कुछ वजहों का जिक्र कर रहे हैं. सबसे बड़ी वजह डॉलर की मजबूती है. इसके अलावा, अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड का बढ़ना, और चीनी अर्थव्यवस्था में तमाम प्रयासों के बाद भी सुधार न दिखना है.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार के हवाले से मनीकंट्रोल ने लिखा, “बढ़ता हुआ डॉलर चिंता का विषय है, क्योंकि यह आयात होने वाली चीजों की महंगाई का कारण बन सकता है.”
ट्रेजरी यील्ड्स में इस साल की सबसे बड़ी वीकली ग्रोथ देखी गई हैं. इसकी वजह से 2025 में अमेरिका में संभावित ब्याज दर कटौती की उम्मीदें धराशायी होती नजर आ रही हैं. इसके अलावा, बीजिंग ने कर्ज और खपत बढ़ाने का वादा किया था, फिर भी चीनी शेयरों में तेजी नहीं दिखी. ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि निवेशकों में डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद अमेरिका के साथ व्यापारित तनाव को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं.
उठते ही माल बेचते हैं विदेशी निवेशक!
भारत में भी विदेशी निवेशक खरीदारी के मुकाबले बिकवाली ज्यादा करते नजर आ रहे हैं. विजयकुमार ने कहा कि एफआईआई ने फिर से जो बिकवाली शुरू की है, उसने बाजार के सामने एक चुनौती पैदा कर दी है. 11 और 12 दिसंबर को FIIs ने भारतीय शेयरों में 4,572 करोड़ रुपये की बिक्री की. उन्होंने कहा, “भारत में ऊंची वैल्यूएशन को देखते हुए FIIs हर जम्प पर ज्यादा सेलिंग की संभावना है. चुनाव के बाद डॉलर के बढ़ने से FIIs के लिए बिक्री लाभदायक रही है.”
महंगाई में राहत की खबर
बता दें कि कल गुरुवार को रिटेल महंगाई के आंकड़े जारी हुए थे. इन आंकड़ों के मुताबिक पिछले नवंबर में महंगाई की बढ़ोतरी दर पिछले साल नवंबर के मुकाबले 5.48 प्रतिशत रही, जबकि इस साल अक्टूबर में खुदरा महंगाई में 6.21 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी. नवंबर में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर भी थोड़ी नरमी के साथ 9.04 प्रतिशत रही, जबकि अक्टूबर में यह दर 10.87 प्रतिशत थी.
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FIRST PUBLISHED : December 13, 2024, 10:56 IST