मांचू मनोज ने सुपरस्टार पिता पर किया पलटवार, सौतेले भाई पर लगाया प्रॉपर्टी का गलत इस्तेमाल करने का आरोप

मुंबई. एक्टर मांचू मनोज ने अपने पिता और सुपरस्टार डॉ. एम. मोहन बाबू द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत में लगाए गए आरोपों को ‘झूठा और निराधार’ बताया. उन्होंने उल्टा आरोप लगाया कि उनके पिता ने उनके साथ ‘गलत व्यवहार’ किया. मोहन बाबू के राचकोंडा पुलिस आयुक्त को लिखे गए पत्र के सामने आने के बाद मनोज ने एक बयान जारी किया. मोहन बाबू ने अपने बेटे मनोज और बहू मोनिका के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की. मोहन ने खुद के लिए तथा अपनी प्रॉपर्टी के लिए पुलिस सुरक्षा मांगी. मोहन बाबू ने 500 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. वह तेलुगु इंडस्ट्री के सुपरस्टार रहे हैं. वह पॉलिटिशियन भी रहे हैं.

मांचू मनोज ने कहा कि उनके पिता मोहन बाबू ने उन्हें बदनाम करने, उनकी आवाज दबाने और पारिवारिक कलह करने के उद्देश्य से ये आरोप लगाए गए हैं. मनोज ने कहा, “मैंने कभी प्रॉपर्टी या उत्तराधिकार नहीं मांगा. मैं किसी को भी इसके खिलाफ सबूत पेश करने की चुनौती देता हूं.”

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मनोज ने पिता पर आरोप लगाते हुए कहा, “मेरे त्याग के बावजूद मेरे साथ गलत व्यवहार किया गया और मुझे बदनाम तथा परेशान किया गया.” उन्होंने एक्टर और सौतेले भाई मांचू विष्णु पर पारिवारिक संसाधनों का दुरुपयोग करने तथा निजी लाभ के लिए पारिवारिक नाम का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा परिवार के साथ रहने का समर्थन किया है.”

7 महीने की बेटी को विवाद में घसीटने से बिगड़े मांचू मनोज

मनोजा मांचू ने कहा, “मेरे पिता के नजरिए ने मुझे बचपन से ही प्रेरित किया और वह आज भी मेरा मार्गदर्शन करता है. मेरा ध्यान परिवार के नाम की रक्षा करने तथा उन लोगों की भलाई करने पर है, जिन्होंने हम पर भरोसा किया है.” उन्होंने अपनी सात महीने की बेटी को विवाद में घसीटने पर भी कड़ी आपत्ति जताई तथा इसे “बुरा और अमानवीय” बताया.

एक्टर और भाई मांचू विष्णु पर लगाया गंभीर आरोप

मनोज ने यह भी आरोप लगाया कि मांचू विष्णु के सहयोगी विजय रेड्डी और किरण ने घर से सीसीटीवी ड्राइव हटा दिए. उन्होंने मामले की गहन जांच की मांग की. उन्होंने दावा किया कि वह हमेशा स्वतंत्र रहे हैं, कड़ी मेहनत, प्रतिभा और अपने शुभचिंतकों के आशीर्वाद से अपना करियर बना रहे हैं, जबकि उनके भाई विष्णु को परिवार के अटूट समर्थन का लाभ मिलता रहा. मनोज ने कहा कि उनके खिलाफ आरोप तब लगाए गए जब उन्होंने सार्वजनिक रूप से एमबीयू के छात्रों और स्थानीय व्यवसायों का समर्थन किया, जिनका विष्णु और उनके सहयोगी विनय माहेश्वरी द्वारा शोषण किया जा रहा था.

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