पत्नी ने दिया आइडिया, पैसे नहीं थे तो चाचा ने बताया रास्ता, इस योजना की मदद से आज खड़ी कर दी फैक्ट्री

दीपक कुमार/बांका. हर कोई इस भाग दौड़ भरे जीवन में कुछ न कुछ बेहतर करना चाहता है लेकिन क्या करें यह समझ नहीं आता है. इसी जद्दोजहद में कुछ लोग समय के साथ अपने कारोबार की शुरुआत करते हैं जिससे वह खुद के साथ दूसरों को भी रोजगार देते हैं. इसी का उदाहरण है बांका जिला के बेलहर प्रखंड अंतर्गत तरैया गांव के निवासी कास्टर और उनकी पत्नी.

कास्टर बताते हैं कि वह भी एक निजी कंपनी में काम करते थे लेकिन अच्छी सैलरी नहीं होने के कारण वह कुछ अलग करना चाहते थे लेकिन समझ नहीं आ रहा था क्या करें, तो पत्नी ने बताया कि क्यों न मसाले का काम किया जाए. मसाले का कारोबार कभी खत्म नहीं होने वाला है हर घर में इसकी आवश्यक होती है. लेकिन इस काम को शुरू करने के लिए काफी पैसों की जरूरत थी. कई दिनों तक ये काम एक प्लान ही बन कर रह गया. इसी दौरान मेरे चाचा ने बताया कि मुख्यमंत्री उद्योग योजना से लाभ लेकर आप अपना कारोबार शुरू कर सकते है.

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क्या आता है खर्च
फिर क्या था बांका उद्योग विभाग से पता कर मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से 10 लाख का लाभ लेकर 2022 में दोनों ने मसाले का काम शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि सबसे पहले 7.5 लाख की लागत से आधुनिक मशीन खरीदी और मसाले बनाने के लिए रॉ मैटेरियल की भागलपुर और देवघर से खरीदारी करते हैं और लोकल बाजार में इसको सेल कर देते हैं. वह बताते हैं कि हमारे यहां मसाले में हल्दी, धनिया, मिर्च, मिक्स पाउडर तैयार किया जाता है. अगर बात धनिया पाउडर करें तो 1 किलो ग्राम धनिया पाउडर तैयार करने में 125 रुपए का खर्च आता है जिसे 130 रुपए में बाजार में सेल किया जाता है. हमारे यहां तैयार मसाला शुद्ध होता है जिस कारण बाजार में अधिक डिमांड रहती है जिससे सालाना सात लाख रुपए तक मुनाफा हो जाता है.

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