किस सरकारी स्कीम ने बदल दी इस बिहारी की किस्मत, पहले था बेरोजगार, अब खेलता लाखों में

Success Story : जहां चाह वहां राह! इस कहावत को बिहार के जहानाबाद जिले के एक स्थानीय उद्यमी कुंदन कुमार ने सच कर दिखाया है. 2010 में स्नातक करने के बाद उन्हें 6-7 वर्षों तक नौकरी की तलाश में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. हिम्मत टूटने लगी थी और हौसला भी पस्त होने लगा था. फिर से पूरी एनर्जी जुटाकर खुद को मुश्किल हालातों के सामने सीना तानकर खड़ा किया और ताजा हिम्मत जुटाई. हिम्मत-ए-मर्दां मदद-ए-ख़ुदा. शायद ऊपर वाला भी चाहता था कि वह नौकरी न करके नौकरी देने जैसा कुछ करे. कुंदन कुमार ने सोचा कि खुद का बिजनेस किया जाए और किया भी. आज वह जितना पैसा कमाता है, उतना शायद वह नौकरी में कभी नहीं कमा पाता. और अभी तो महज शुरुआत है, भविष्य के गर्भ में सुनहरी किरणें छिपी हैं.

2020 में कुंदन कुमार ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) से 25 लाख रुपये का लोन लिया और पावर ब्लॉक बनाने का धंधा शुरू किया. इस सरकारी स्कीम ने कुंदन कुमार की किस्मत को पलटकर रख दिया. कभी खुद बेरोजगारी से परेशान था, मगर आज वार्षिक टर्नओवर 8 से 10 लाख रुपये तक पहुंच गया है. कुंदन की कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं. हम आपको उनके सफर की पूरी जानकारी दे रहे हैं और बताएंगे कि कैसे उन्होंने चुनौतियों का सामना कर सफलता प्राप्त की.

यह कहानी बिहार के जहानाबाद जिले के सिकारिया गांव से उठी है. 2010 में स्नातक होने के बाद कुंदन ने लगातार 6-7 साल तक नौकरी की तलाश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. फिर उन्होंने तय किया कि वो अपने दम पर कुछ करेंगे, और उन्होंने व्यापार की दिशा में कदम बढ़ाया.

2020 में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत 25 लाख रुपये का ऋण लेकर कुंदन ने पावर ब्लॉक का व्यवसाय शुरू किया. आज उनकी वार्षिक आय 8 से 10 लाख रुपये के बीच है. शुरुआती लोन चुकाने के बाद उन्होंने सरकारी योजना के तहत 1 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लोन लेकर अपने बिजनेस का विस्तार किया. अब उनका बिजनेस 10 से 15 कर्मचारियों को रोजगार भी प्रदान करता है.

दूसरों को रोजगार देने में कंपीटिशन कम
कुंदन कुमार ने लोकल 18 को बताया, “मैंने नौकरी की बजाय बिजनेस शुरू करने का निर्णय इसलिए लिया, क्योंकि मुझे लगा कि दूसरों के लिए रोजगार पैदा करने में कंपीटिशन कम है.” कोविड-19 महामारी के बावजूद कुंदन का व्यवसाय तेजी से बढ़ा और वो रोजाना 3,000 से 4,000 पावर ब्लॉक का उत्पादन कर रहे हैं, जिसे पूरे जहानाबाद जिले में सप्लाई किया जाता है.

आपको भी लेना है ये वाला लोन तो क्या करें?
कुंदन ने PMEGP योजना के तहत लोन प्राप्त करने की सरल प्रक्रिया पर जोर दिया, बशर्ते कि सभी दस्तावेज पूरे हों. उन्होंने उभरते उद्यमियों को उद्योग विभाग और जनरल मैनेजर से परामर्श करने की सलाह दी, क्योंकि इस योजना के तहत 150 प्रकार के बिजनेस के लिए लोन उपलब्ध हैं, जिनके लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं पास होना है.

अपने सफर को याद करते हुए कुंदन ने इस योजना के महत्वपूर्ण प्रभाव को बताया. उन्होंने कहा, “मैंने दूसरे ऋण के लिए डेढ़ साल तक प्रयास किया और सभी शर्तों को पूरा करके 1 करोड़ रुपये का ऋण प्राप्त किया. ऐसा लोन हासिल करना हालांकि आसान नहीं है. इस ऋण पर 12% ब्याज दर है और 15% सब्सिडी भी मिलती है.”

कुंदन कुमार के पावर ब्लॉक्स, जो कि बल्लास्ट डस्ट से बने होते हैं, सड़कों और पथरीले स्थानों पर फिसलन रोकने में मदद करते हैं, जिससे सड़क निर्माण और पथरीकरण के लिए एक बेहतर सोल्यूशन मिलता है. कठिन समय में भी उनका धैर्य और लगन काम आई, और अब वे अपने नए ऋण का उपयोग करके अपने निर्माण यूनिट का और विस्तार कर रहे हैं.

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