घर के हालात थे खराब लेकिन फिर भी युवक ने नहीं मानी हार, बनकर दिखाया पुलिस अफसर

छत्रपति संभाजीनगर: कई लोग पुलिस अधिकारी बनने का सपना देखते हैं. इसके लिए उम्मीदवार काफी मेहनत करते हैं और आखिरकार अपना सपना पूरा कर लेते हैं. आज हम एक ऐसे ही युवक की कहानी जानने जा रहे हैं, जिसने एक कंपनी में नौकरी करते हुए पुलिस भर्ती का सपना देखा, इसके लिए तैयारी की, कड़ी मेहनत की और अपना सपना पूरा किया.

संभाजी नगर के रहने वाले हैं राम
इस युवक का नाम राम उदत है. राम अब एक पुलिसकर्मी है. राम उदत छत्रपति संभाजी नगर जिले के पैठन तालुका के मूल निवासी हैं. उनके माता-पिता खेती का काम करते हैं. राम ने 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई अपने गांव के स्कूल में की. इसके बाद वह आगे की शिक्षा और काम के लिए छत्रपति संभाजीनगर शहर के वालाज आ गये.

साइंस स्ट्रीम से की पढ़ाई
राम ने अपनी 11वीं और 12वीं कक्षा की शिक्षा विज्ञान स्ट्रीम से पूरी की है. लेकिन घर के हालात खराब होने के कारण उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ काम भी करना पड़ा. राम एक निजी कंपनी में काम करने लगा. इसके बाद वह हर दिन जब कंपनी में जाता तो वहां पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को देखता था.
इसके बाद वह भी पुलिस भर्ती की तैयारी करना चाहता था, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. इसलिए उन्होंने दो महीने तक कंपनी में काम किया और वहां से जो पैसे मिले उससे उन्होंने गरुड़ जेप एकेडमी में दाखिला लिया और उसके बाद उन्होंने अच्छी तैयारी की.

उन्होंने भारतीय नौसेना की परीक्षा भी उत्तीर्ण की. हालाँकि, वह कुछ ही अंकों से सफलता से चूक गए. उन्होंने एक बार फिर पुलिस भर्ती परीक्षा दी. उसमें भी वह असफल रहे. लेकिन उन्होंने इतनी कठिन परिस्थिति में भी हार नहीं मानी और फिर से नई शुरुआत की. दुर्भाग्य से इसी दौरान उनकी माँ का निधन हो गया. हालाँकि, माँ के चले जाने से राम पूरी तरह टूट गए थे. लेकिन इसमें उनके परिवार, उनकी बहनों और उनके भाइयों ने उनका साथ दिया.

कड़ी मेहनत से पाई सफलता
बेहद कठिन परिस्थितियों में राम ने पुलिस भर्ती के लिए आवेदन किया और आज वह इसमें सफल हो गये. राम ने इसके लिए बहुत मेहनत की. घर की स्थिति अच्छी न होने के बावजूद भी उन्होंने कंपनी में काम किया और पुलिस भर्ती दी तथा हमारे सभी शिक्षकों ने भी भरपूर मदद की. राम के शिक्षक नीलेश सोनावणे ने कहा, मुझे और मेरे सभी शिक्षकों को इस बात पर बहुत गर्व है कि राम एक पुलिसकर्मी बन गया है. राम की यह यात्रा निश्चित रूप से युवाओं के लिए प्रेरणादायक है.

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