कर पत्ता की खेती से सतारा का किसान हुआ मालामाल, टर्नओवर का शहर में डंका

सतारा: इस समय किसान खेतों में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं. ऐसा ही एक प्रयोग सतारा के किसान हनमंत कुचेकर ने किया है. उन्होंने अपने खेत में करी पत्ता लगाया है. इससे वे हर साल लाखों रुपये कमा रहे हैं और उनके करी पत्ते की डिमांड सात समंदर पार तक है. आइए जानते हैं कि वे इस करी पत्ते की खेती के प्रयोग में कैसे सफल हुए.

कैसे करें करी पत्ता की खेती?
2011 में, किसान हनमंत कुचेकर ने करी पत्तों में DWD2 सुवासिनी किस्म के करी पत्तों के 50 गुच्छे लगाए. इस बीच उन्होंने एक साल तक इसकी पूरी खेती की. करी पत्तों की पहली कटाई के बाद, ओला ने पुणे-मुंबई में व्यापारियों को गीले कड़ी पत्ते बेचना शुरू कर दिया. लेकिन हनमंत कुचेकर को एहसास हुआ कि अगर व्यापारी अपने माल पर कमाई कर रहे हैं, तो हम अपने माल को संसाधित करके क्यों नहीं कमा सकते? इस विचार को ध्यान में रखते हुए, किसान हनमंत कुचेकर ने कृषि आत्मा विभाग से संपर्क किया और सब्सिडी पर एक सोलर ड्रायर खरीदा और कड़ी पत्तों को धोने के बाद उन्हें सोलर ड्रायर पर सुखाना शुरू कर दिया.

करी पत्ता के बिजनेस से कैसे मिली सक्सेस
इस बीच, हनमंत ने शुरू में कुचेकर मिक्सर में सूखे करी पत्तों को बारीक पाउडर बनाकर और उन्हें तालुक स्तर के जिला स्तरीय कृषि मेलों और प्रदर्शनियों में बेचकर अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया. उसके बाद तैयार माल को काफी अच्छा रिस्पांस मिलने के बाद उत्पादन क्षमता कम होने पर प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण योजना से लिए गए ऋण से 500 से 1000 किलोग्राम क्षमता की मशीनरी लेकर व्यवसाय को आगे बढ़ाना शुरू किया. इसी बीच उन्होंने इंटरनेट की मदद से आधुनिक सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए अपनी खुद की बिजनेस वेबसाइट बनाई. वेबसाइट बनने से विदेशी ग्राहक खुद विदेश से आकर हनमंत कुचेकर के फार्म पर आए. इस बीच, विदेशी ग्राहकों ने बड़े ऑर्डर देना शुरू कर दिया.

करी पत्ता के हैं अनेक फायदे
करी पत्ते में प्राकृतिक गुण होते हैं. करी पत्ता को लोग आसानी से नहीं खाते, बल्कि इसे भोजन से हटा दिया जाता है. लेकिन करी पत्ते में मौजूद आयरन, मिनरल्स और कैल्शियम खत्म न हो इसके लिए किसान हनुमंत कुचेकर ने अपने आइडिया के मुताबिक पाउडर फोम में पाउडर फोम का इस्तेमाल करने की कोशिश की है. न केवल करी पाउडर, करी पाउडर चटनी, सेब पाउडर, केला पाउडर तैयार कर यूके, तंजानिया, अरूबा और सऊदी अरब में निर्यात किया जा रहा है. साथ ही निर्यात करते समय वे हर 3 महीने में 500 किलो करी पत्ता पाउडर यानी 25 टन गीली करी पत्ता ट्रांसपोर्ट करते हैं. विदेश में ले जाने के बाद करी पत्ते की कीमत पांच से सात गुना तक बढ़ जाती है. किसान हनमंत कुचेकर ने मुझे बताया कि पूरे व्यवसाय से सभी खर्चों को छोड़कर वार्षिक आय 10 लाख रुपये है.

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