कोडरमा. अगर हौसला बुलंद हो तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं, अपने संघर्ष और जज्बे से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है. झारखंड लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित संयुक्त सिविल सेवा बैकलॉग परीक्षा 2017 में कोडरमा जिले के राम लखन वर्णवाल ने सफलता हासिल कर नया कीर्तिमान रचा है. इनकी सफलता बहुत खास है. अब ये डीएसपी बनेंगे.
बचपन से पुलिस की यूनिफॉर्म करती थी आकर्षित
कोडरमा जिले के मरकच्चो प्रखंड निवासी किशोरी मोदी और अहिल्या देवी के पुत्र राम लखन वर्णवाल ने संयुक्त सिविल सेवा के बैकलॉग परीक्षा में तीसरा स्थान प्राप्त किया है. जेपीएससी के द्वारा इन्हें डीएसपी का पद आवंटित किया गया है. लोकल 18 से विशेष बातचीत में राम लखन वर्णवाल ने बताया कि बचपन से ही पुलिस की यूनिफॉर्म उन्हें आकर्षित करती थी. उनका लक्ष्य पुलिस सेवा में जाने का था. इसको लेकर शुरू से ही वह तैयारी में लगे हुए थे. बता दें कि जेपीएससी के द्वारा वर्ष 2017 में मात्र 10 पदों के लिए वैंकेसी निकाली गई थी.
सरकारी स्कूल से हुई है पूरी पढ़ाई
राम लखन ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा सर्वोदय उच्च विद्यालय मरकच्चो से वर्ष 2001 में पूरी हुई. इसके बाद उन्होंने वर्ष 2003 में राम लखन सिंह यादव कॉलेज से इंटर और 2006 में स्नातक की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने आगे पढ़ाई जारी रखते हुए मास्टर्स भी किया. उन्होंने बताया कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए वह रांची चले गए. अपनी तैयारी के साथ उन्होंने वर्ष 2012 से एक निजी कोचिंग संस्थान में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे लोगों को पढ़ाने का भी काम शुरू किया. 7वीं जेपीएससी समेत राज्य के अन्य कई प्रतियोगी परीक्षा में उनके छात्र टॉप 10 सूची में रह चुके हैं.
पहले भी कई परीक्षाओं में इंटरव्यू तक का सफर कर चुके हैं तय
राम लखन ने बताया कि वर्ष 2017 में जेपीएससी के द्वारा निकाली गई संयुक्त सिविल सेवा की बैकलॉग नोटिफिकेशन में मात्र 10 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे. आवेदन भरने के बाद सरकार ने करीब 7 वर्षों तक यह परीक्षा आयोजित नहीं की. इसके बाद वर्ष 2024 में अभ्यर्थियों के द्वारा सरकार का ध्यान इस तरफ आकर्षित करने पर राज्य सरकार ने नियुक्ति के लिए प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू आयोजित कर 2 अगस्त को 7 वर्ष पहले निकाली गई 10 रिक्त पदों के लिए रिजल्ट जारी कर दिया. राम लखन वर्णवाल ने बताया कि इससे पहले उन्होंने बीपीएससी और जेपीएससी की परीक्षाओं में मुख्य परीक्षा एवं इंटरव्यू तक का सफर तय किया था. किसी कारणवश उनका रिजल्ट नहीं हो पाया था.
पिता ने चाय बेचकर पढ़ाया
राम लखन ने बताया कि उनके परिवार ने काफी संघर्षों के बीच उन्हें शिक्षा दिलाई है. उनके पिता मरकच्चो चौक पर चाय बेचकर उन्हें शिक्षा दिलाने में हर संभव सहयोग किया है. उन्होंने बताया कि रांची में एक निजी कोचिंग में 6 से 8 घंटे अभ्यर्थियों को पढ़ाने के बाद खुद 4 घंटे पढ़ाई करते थे. उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया का यदि सकारात्मक रूप से इस्तेमाल किया जाए तो परीक्षा की तैयारी में भी यह काफी सहायक से होता है. उनके इस सफलता में अर्धांगिनी दीपमाला वर्णवाल , मित्र, सगे-संबंधी का सहयोग एवं माता-पिता और गुरुजनों का आशीर्वाद काफी सहायक बना.
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FIRST PUBLISHED : August 4, 2024, 15:12 IST