बचपन का हुनर बदला कारोबार में, बड़े-बड़े फैशन डिजाइनर को देती है टक्कर

कोडरमा. हमारे आसपास आज समाज में ऐसी कई महिलाएं हैं जो परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए अपने बचपन की शौक को बिजनेस में बदलकर आज बेहतर कमाई कर रही है. कोडरमा की ममता अग्रवाल भी शादी के बाद अपने बचपन की शौक को बचत के पैसे को पूंजी के रूप में इस्तेमाल कर बुटीक का संचालन कर रही है. उनके बुटीक में मिलने वाले डिजाइनर कपड़ों ने लोगों के बीच अपनी एक अलग पहचान बना ली है. ममता अपने पारिवारिक दायित्व निभाने के साथ कारोबार में भी काफी बेहतर कर रही हैं. खुद का बिजनेस शुरू कर अपने पैरों पर खड़े होने की इच्छा रखने वाली महिलाओं के लिए ममता आज प्रेरणा स्रोत हैं.

शुरुआत में ही लोगों ने खूब पसंद किया डिजाइन
लोकल 18 से विशेष बातचीत में ममता ने बताया कि बचपन से ही उन्हें बिजनेस करने की इच्छा थी. शादी के कुछ वर्षों के बाद जब उन्हें घरेलू कामकाज के बाद समय मिलने लगा तो उन्होंने अपने बचपन के हुनर को कारोबार में बदलना शुरू किया. शुरुआती दौर में उन्होंने आसपास के महिलाओं के लिए कपड़े तैयार करना शुरू किया. उनके द्वारा तैयार किए गए कपड़े की डिजाइन की चर्चा महिलाओं के बीच खूब होने लगी और धीरे-धीरे उनका व्यापार बढ़ता चला गया.

घरेलू खर्च से बचत की पैसे को बनाया पूंजी
उन्होंने बताया कि कपड़ों के अपने कारोबार की शुरुआत उन्होंने घरेलू खर्च राशि से की गई बचत के 5 हज़ार रुपए से की थी. आज उनका कारोबार लाख रुपए की हो चुकी है. शहर के अड्डी बंगला रोड़ में खूबसूरत बुटीक का संचालन कर रही हैं. उन्होंने बताया कि कपड़े की डिजाइन को लेकर अधिक ऑर्डर मिलने पर उन्होंने कुछ लोगों को रोजगार पर भी रखा है. जो उनके मार्गदर्शन में कस्टमर के डिमांड के अनुसार कपड़े तैयार करते हैं.

रेंज 150 रुपये से शुरू
उन्होंने बताया कि किसी भी सेलिब्रिटी के द्वारा पहने गए कपड़े की तस्वीर उपलब्ध कराने पर ग्राहक के ऑर्डर के अनुसार वह उसे हुबहु तैयार कर देती हैं. उन्होंने बताया कि जिले के अधिकांश मंदिरों की प्रतिमा की पोशाक भी उनके द्वारा ही तैयार की जाती है. उन्होंने बताया कि उनके पास ₹150 से लेकर ₹4000 तक के कपड़ों की रेंज उपलब्ध है. कॉटन के कपड़ों से तैयार सूट की शुरुआती कीमत 200 रुपये, कुर्ती 150, कुर्ती पजामा सेट 400, मारवाड़ी चुनरी 400, डिजाइनर ब्लाउज 280, गाउन एक हज़ार रुपये, क्रॉप टॉप 2500 रुपये समेत अन्य रेंज की उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि जिले के विभिन्न इलाकों के अलावे हजारीबाग, गया, धनबाद और कोलकाता जैसे इलाके से भी उन्हें ऑर्डर प्राप्त होते हैं. जिसकी डिलीवरी कुरियर के द्वारा की जाती है.

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