नई दिल्ली. नारियल के खोल को ज्यादातर लोग बेकार समझते हैं. नारियल किसान और नारियल से उत्पाद बनाने वाली कंपनियां भी इसे कचरा ही समझते हैं और इसका निस्तारण उनके लिए सिरदर्द होता है. लेकिन, मारिया कुरियाकोस (Maria Kuriakose) के लिए यह ‘कचरा’ सोने से कम नहीं है. वे नारियल के खोल यानी शेल से घर में इस्तेमाल होने वाली चीजें बनाकर हर महीने लाखों रुपये कमाती हैं. उनकी कंपनी थेंगा कोको (Thenga Coco) के बनाए उत्पाद भारत ही नहीं बल्कि के डेनमार्क, स्पेन, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन जैसे देशों में भी भेजे जा रहे हैं. साल 2019 में स्थापित थेंगा का सालाना टर्नओवर अब 1 करोड़ रुपये को पार कर गया है. मारिया अपने इस स्टार्टअप से न केवल खुद अच्छा पैसा कमा रही हैं, बल्कि उसने चालीस से ज्यादा लोगों को रोजगार भी दिया है.
मारिया कुरियोकोस केरल के त्रिशूर की रहने वाली हैं. उन्होंने साल 2016 में मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद आगे स्टडी के लिए स्पेन चली गईं. साल 2017 में उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स किया. इसके बाद कॉरपोरेट कंपनी में जॉब करने लगी.
मारिया की कंपनी थेंगा के प्रोडक्ट्स की विदेशो में भी मांग है.
जन्मभूमि का प्यार खींच लाया भारत
मारिया कुरियाकोस हमेशा से ही अपनी जन्मभूमि केरल के लिए कुछ करना चाहती थी. अपने जन्मस्थान पर ही कुछ ‘प्रोडक्टिव’ काम करने के लिए स्पेन की नौकरी छोड़ केरल आ गई. यहां उन्होंने कुछ दिन तक रिसर्च की तो उन्हें पता चला कि नारियल से तेल और कई चीज बनाई जा रही है. लेकिन, नारियल का खोल कचरा समझकर फेंक दिया जाता है. थोड़ा गहराई से समझने पर उन्हें नारियल के खोल से घरेलू और सजावटी सामान बनाने का आइडिया आया.
2019 में शुरू किया थेंगा कोको
मारिया कुरियोकोस ने साल 2019 में थेंगो कोको नाम से एक वेंचर की शुरुआत की. नारियल के खोल से घरों में इस्तेमाल होने वाले खास प्रोडक्ट बनाने शुरू किए. मारिया ने सामान बनाने के लिए किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल न करने का निर्णय लिया. प्रोडक्ट को चमकाने के लिए भी नारियल तेल से घिसाई शुरू की. थेंगा टेबल वियर, किचन वियर और सजावटी आइटम बनाती है. मारिया ने अपने प्रोडक्ट ऑनलाइन बेचने शुरू किए. देखते ही देखते उनका बिजनेस चल निकला. मलयालम में ‘थेंगा’ शब्द का अर्थ नारियल होता है. आज थेंगा ग्लोबल ब्रांड बन चुका है.
नारियल के खोल से बने उत्पाद लकड़ी के बने प्रोडक्ट की तरह दिखते हैं. ये टिकाऊ तो होते ही हैं साथ ही ये दिखने में सुन्दर भी होते हैं. मारिया अपने स्टार्ट के जरिए फिलहाल 40 कर्मचारियों को रोजगार उपलब्ध करा रही हैं. उनकी कंपनी के अहम पदों पर महिलाएं ही काम कर रही हैं. थेंगा उन 65 स्टार्टअप में शामिल है, जिन्हें इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, बैंगलोर ने सहायता के लिए चुना है. आईआईएम बैंगलोर थेंगा टीम को बिजनेस को बढ़ाने और रेवेन्यू बढ़ाने का गुर सीखा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : December 16, 2024, 12:35 IST