10000 के कर्ज से 9200 करोड़ का कारोबार, ये शख्स सोने का सबसे बड़ा व्यापारी

Success Story: सोने का ये सौदागर एक साधारण गुजराती परिवार से आने वाला शख्स है, जिसने संघर्ष के दिनों में गली और बाजारों में जाकर चांदी बेची. एक दिन मेहनत रंग लाई और यह शख्स दुनिया को सोने के गहनों की सप्लाई करने लगा. महज 10,000 रुपये से अपने बिजनेस की शुरुआत करने वाले राजेश मेहता आज 9200 करोड़ की कंपनी के मालिक हैं. राजेश एक्सपोर्ट्स के फाउंडर राजेश मेहता की कहानी वाकई में देश के युवा उद्यमियों को प्रेरित करने वाली है. कुछ लोगों के लिए इस बात पर यकीन करना मुश्किल हो सकता है कि आखिर 10,000 रुपये से कैसे कोई व्यक्ति 9200 करोड़ का बिजनेस साम्राज्य खड़ा कर सकता है. लेकिन, इसे राजेश मेहता ने सच करके दिखाया है.

इंटरनेशनल गोल्ड मार्केट में राजेश मेहता का अच्छा-खासा रसूख है. विश्व की प्रतिष्ठित मैगजीन फोर्ब्स ने उन्हें दुनिया के टॉप 100 अमीरों की लिस्ट में शामिल किया. राजेश मेहता को दुनिया की सबसे बड़ी गोल्ड फैक्ट्री का मालिक माना जाता है.

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विरासत में मिला गहनों का व्यापार

राजेश मेहता को सोने-चांदी का व्यापार विरासत में मिला. उनके पिता जसवंतरी मेहता ने जेवर का कारोबार के लिए गुजरात से कर्नाटक आए थे. महज 16 वर्ष की उम्र में राजेश मेहता भी अपने पिता के साथ काम करने लगे. हालांकि, शुरुआत में राजेश मेहता MBBS की पढ़ाई करके डॉक्टर बनना चाहते थे लेकिन 12वीं पास करने के बाद उन्होंने करियर बनाने के लिए कारोबार को चुना.

पेमेंट लाने का मिला पहला काम

पापा के साथ बिजनेस करने पर राजेश मेहता को ग्राहकों को हीरे की सप्लाई करना और उनसे पेमेंट कलेक्ट करने का काम मिला. यह काम करते हुए गोल्ड और डायमंड बिजनेस करने की समझ मिली. इसके बाद राजेश मेहता ने 1982 में अपना बिजनेस शुरू करने के बारे में सोचा. चूंकि, उस समय उनके पास ज्यादा पैसा नहीं था इसलिए उन्होंने अपने भाई से 2000 रुपये उधार लिए और बैंक से 8000 रुपये का कर्ज लिया. इसके बाद उधार के पैसों से उन्होंने अपना कारोबार शुरू किया. राजेश मेहता चेन्नई से गहने खरीदते थे और गुजरात के राजकोट में उन्हें बेच देते थे. धंधा अच्छा चलने लगा तो उन्होंने गुजरात में थोक व्यापारियों को ज्वैलरी बेचना शुरू कर दिया.

गोल्ड कारोबार में ऐसे आगे बढ़ते गए राजेश

-राजेश मेहता के करियर में अहम मोड़ उस वक्त आया जब उन्होंने 1990 में बेंगलुरु में अपने घर के गैरेज में छोटी-सी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट खोली और गोल्ड ज्वैलरी बनाकर उसका एक्सपोर्ट करना शुरू कर दिया. कम समय में वे ब्रिटेन, दुबई, ओमान, कुवैत, अमेरिका और यूरोप तक गहनों का निर्यात करने लगे.

-राजेश एक्सपोर्ट्स की ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 2003 में उन्होंने गोल्ड ज्वैलरी की दुनिया की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की शुरुआत की.

-मैन्युफैक्चरिंग के अलावा, साल 20212 में राजेश एक्सपोर्ट्स ने रिटेल ज्वैलरी सेक्टर में भी कदम रखा और बेंगलुरु में ‘शुभ ज्वैलर्स’ स्टोर शुरू किया. महज 2 साल में पूरे कर्नाटक में शुभ ज्वैलर्स के 80 स्टोर लॉन्च कर दिए गए.

-साल 2015 में राजेश एक्सपोर्ट्स ने दुनिया की सबसे बड़ी गोल्ड रिफाइनरी, वलाकामबी का अधिग्रहण कर लिया.

राजेश मेहता की कंपनी राजेश एक्सपोर्ट्स, शेयर बाजार में लिस्टेड एक कंपनी है, जिसका मार्केट कैंप 91.84 अरब रुपये यानी 9200 करोड़ है. उनके पास स्विट्जरलैंड और भारत में गोल्ड रिफाइनरी के अलावा कई ज्वैलरी स्टोर्स हैं.

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